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पॉक्सो केस में आरोपी युवक को मिली सशर्त जमानत, कोर्ट ने दी चेतावनी: पीड़िता को न करें प्रताड़ित

  • लेखक की तस्वीर: Legal Reporter
    Legal Reporter
  • 31 जुल॰
  • 2 मिनट पठन

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लखनऊ | 31 जुलाई 2025

विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट), लखनऊ की अदालत ने एक गंभीर मामले में आरोपी फरीद (25 वर्ष), पुत्र श्री मो. सईद, निवासी राजाजीपुरम, लखनऊ को ₹50,000 की दो जमानतें जमा कराने की शर्त पर सशर्त जमानत प्रदान की है। युवक पर पॉक्सो एक्ट की धारा 7/8 के साथ-साथ सी.एल.एस. एक्ट की धाराओं 75 और 351(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।


मामले में आरोपी की ओर से अधिवक्ताओं इरशाद अली और सुलेमान अब्बास ने पैरवी की। उन्होंने अदालत में यह तर्क दिया कि फरीद को झूठे आरोप में फंसाया गया है, और एफआईआर दर्ज कराने में भी दो महीने की देरी की गई है, जिससे मामले की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठते हैं। अधिवक्ताओं ने अदालत को बताया कि घटना 12 अप्रैल 2025 की है, जबकि प्राथमिकी 18 जून 2025 को दर्ज कराई गई। आरोपी 22 जुलाई से न्यायिक हिरासत में था।


वहीं, अभियोजन पक्ष ने बताया कि पीड़िता ने स्कूल जाते समय आरोपी पर छेड़खानी और अनुचित स्पर्श का आरोप लगाया था। घटना की जानकारी पीड़िता ने अपनी बहन को दी, जिसके बाद परिजनों ने पुलिस में शिकायत की।


सुनवाई के दौरान अदालत ने माना कि अभियुक्त पहले किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं रहा, उसे जमानत देने के विरोध में अभियोजन द्वारा कोई ठोस साक्ष्य नहीं प्रस्तुत किए गए, और वह काफी समय से हिरासत में है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने जमानत मंजूर कर ली।


कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया कि जमानत पर रिहाई के बाद आरोपी न तो पीड़िता, न ही गवाहों को किसी भी रूप में प्रताड़ित या प्रभावित करेगा। यदि ऐसा पाया गया, तो जमानत तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी जाएगी।


यह निर्णय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) द्वारा 30 जुलाई 2025 को पारित किया गया।

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