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BHU में आनुवंशिक विकारों पर होगा शोध, गर्भवती महिलाओं और नवजातों की मुफ्त स्क्रीनिंग शुरू

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    संवाददाता
  • 17 अप्रैल
  • 2 मिनट पठन

संवाददाता | अप्रैल 17, 2025


वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (IMS) में पूर्वांचल के लोगों के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य सुविधा की शुरुआत हुई है। यहां प्रदेश का दूसरा आनुवंशिक निदान केंद्र स्थापित किया गया है, जो विशेष रूप से जन्मजात और वंशानुगत आनुवंशिक बीमारियों पर शोध करेगा। इस केंद्र में गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की मुफ्त स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

 काशी हिंदू विश्वविद्यालय

देश में आनुवंशिक बीमारियां एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही हैं, जबकि इनके लिए प्रभावी नैदानिक परीक्षण और परामर्श सेवाएं अब भी सीमित हैं, खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए BHU ने इस दिशा में ठोस कदम उठाया है।


नए केंद्र का लक्ष्य प्रतिवर्ष 10,000 महिलाओं और नवजातों के सैंपलों की जांच करना है। इसके लिए सोनभद्र और मीरजापुर जैसे आकांक्षी जिलों को भी इस योजना से जोड़ा जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सके।


IMS-BHU के बायोकेमिस्ट्री विभाग में स्थापित इस केंद्र में न्यू बॉर्न स्क्रीनिंग, हीमोग्लोबिन HPLC और PCR माइक्रोस्कोप जैसे अत्याधुनिक उपकरणों से लैस प्रयोगशाला शुरू की गई है। बाल रोग, स्त्री रोग, जेनेटिक डिसऑर्डर सेंटर और फार्माकोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ मिलकर इस परियोजना को आगे बढ़ा रहे हैं।


BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल और चंदौली जिले के प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से अब तक 600 से अधिक सैंपलों की जांच की जा चुकी है, जिनमें करीब 10 मामलों में आनुवंशिक विकारों की पुष्टि हुई है। संबंधित विभागों के समन्वय से इन मामलों का उपचार भी प्रारंभ कर दिया गया है।


यह पहल न सिर्फ पूर्वांचल की स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई दिशा देगी, बल्कि वंशानुगत रोगों की समय रहते पहचान और उपचार में भी मील का पत्थर साबित होगी।



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