लखनऊ और कानपुर में 200 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए मंजूरी, पर्यावरणीय और व्यावसायिक सुधार का कदम
- ब्यूरो

- 3 सित॰
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लखनऊ और कानपुर में 200 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की मंजूरी मिली है। कैबिनेट ने लखनऊ और कानपुर नगर के साथ ही उनके आसपास के कस्बों में, नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट (एनसीसी) मॉडल के तहत 200 इलेक्ट्रिक बसों (ई-बसों) के परिचालन को स्वीकृति दी है। इस पायलट प्रोजेक्ट का मकसद शहरों की यातायात व्यवस्था को पर्यावरण के अनुकूल, सुव्यवस्थित और उपभोक्ता केंद्रित बनाना है। साथ ही, सरकारी वित्तीय बोझ को कम करते हुए निजी निवेश को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य भी है। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि एनसीसी मॉडल नागरिकों की आवाजाही की सुविधा सुनिश्चित करेगा, साथ ही निजी ऑपरेटरों को अधिक व्यावसायिक स्वतंत्रता और प्रोत्साहन देगा, जिससे परिवहन सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। इस परियोजना का कार्यान्वयन नगरीय परिवहन निदेशालय द्वारा किया जाएगा। वर्तमान में, निदेशालय प्रदेश के 15 नगर निगमों में 743 इलेक्ट्रिक बसें चला रहा है, जिनमें से अधिकतर (700 बसें) ग्रॉस कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट (जीसीसी) मॉडल के तहत संचालित हैं। इस नई योजना के तहत, लखनऊ और कानपुर नगर में 10-10 मार्गों (कुल 20 मार्ग) पर 9 मीटर लंबी वातानुकूलित (एसी) ई-बसें चलाई जाएंगी। इन बसों का अनुबंध संचालन की शुरुआत से 12 वर्षों तक का होगा। सरकार चुने गए मार्गों पर किसी अन्य निजी ऑपरेटर को संचालन की अनुमति नहीं देगी, ताकि ऑपरेटरों को स्थिरता और एकाधिकार का लाभ मिले। अभिजात ने बताया कि प्रत्येक मार्ग पर 10 ई-बसों के संचालन का अनुमानित लागत करीब 10.30 करोड़ रुपये है, जिसमें से 9.50 करोड़ रुपये बसों की खरीद पर और 80 लाख रुपये चार्जर व अन्य उपकरणों पर खर्च होंगे। निजी ऑपरेटर किराया संग्रह और गैर-किराया संग्रह का 100 प्रतिशत खुद वहन करेंगे। किराये का निर्धारण सरकार करेगी, और समय-समय पर इसमें संशोधन हो सकता है। रूट लाइसेंस प्राप्त करने के लिए परिवहन विभाग और क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीओ/आरटीए) से अनुमति ली जाएगी, ताकि ऑपरेटर विशिष्ट मार्गों पर बसें चला सकें। ऑपरेटरों का चयन निविदा प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। सरकार सुनिश्चित करेगी कि सेवाएं मानकों के अनुरूप हों और यात्रियों को कोई असुविधा न हो। यदि यह प्रोजेक्ट सफल रहता है, तो इसे अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा।





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