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यमुना में जल परिवहन की योजना तेज़, कानपुर-बुंदेलखंड से सीधे जुड़ेगा प्रयागराज

  • लेखक की तस्वीर: संवाददाता
    संवाददाता
  • 22 मार्च
  • 2 मिनट पठन

ब्यूरो | मार्च 22, 2025


कानपुर। यमुना नदी में कालपी से प्रयागराज तक 248 किलोमीटर लंबे जल परिवहन मार्ग की योजना को गति मिल गई है। इस परियोजना से कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र को सीधे गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। प्रस्ताव को कानपुर रीजन इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट अथॉरिटी (क्रीडा) में शामिल करने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।

 यमुना नदी

सड़क यातायात पर कम होगा दबाव, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

इस परियोजना के पूरा होने से सड़क मार्ग पर वाहनों का दबाव कम होगा, जिससे पर्यावरण प्रदूषण और दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। इसके अलावा, महाकुंभ जैसे आयोजनों के दौरान भीड़भाड़ को नियंत्रित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने में यह जलमार्ग अहम भूमिका निभाएगा।


दिल्ली से बंगाल तक विस्तार की योजना

परियोजना को भविष्य में दिल्ली से बंगाल तक विस्तारित करने की योजना है। इससे माल परिवहन के लिए एक नया मार्ग खुलेगा और कानपुर को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी।


28 मार्च 2024 को भेजा गया था प्रस्ताव

बुंदेलखंड के कालपी से कानपुर देहात, हमीरपुर, घाटमपुर, फतेहपुर, चित्रकूट और कौशांबी होते हुए प्रयागराज तक जलमार्ग विकसित करने के लिए 28 मार्च 2024 को तत्कालीन मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को प्रस्ताव भेजा गया था। उस समय उत्तर प्रदेश जल परिवहन प्राधिकरण के गठन की प्रक्रिया चल रही थी


अब क्रीडा के तहत होगा विकास

उच्च स्तरीय विकास समिति के समन्वयक नीरज श्रीवास्तव ने अब जल परिवहन प्राधिकरण की नियमावली तैयार होने के बाद इसे क्रीडा से जोड़ने और इस परियोजना के परीक्षण का प्रस्ताव शासन को भेजा है। मंडलायुक्त के. विजयेन्द्र पांडियन ने इसे ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ के रूप में लिया है, जिससे काम में तेजी आने की उम्मीद है।


यमुना जल परिवहन परियोजना से न सिर्फ यातायात और पर्यावरण को लाभ मिलेगा, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक और पर्यटन विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी। शासन के फैसले के बाद इस महत्वाकांक्षी योजना पर जल्द ही काम शुरू होने की संभावना है।


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