बंथरा फर्जी केस कांड का खुलासा: इंस्पेक्टर व चार दरोगाओं पर साजिश रचने और झूठे साक्ष्य गढ़ने का मुकदमा दर्ज
- संवाददाता

- 2 दिन पहले
- 2 मिनट पठन

बंथरा थाने में तैनात रहे एक इंस्पेक्टर और चार दरोगाओं के खिलाफ पीजीआई थाने में गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने पांच साल पहले एक लोहा कारोबारी और अन्य तीन लोगों को सरिया चोरी के फर्जी मामले में फंसाया था। झूठे साक्ष्य गढ़कर तथा साजिश रचकर इन निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
एंटी करप्शन में तैनात इंस्पेक्टर नुरुल हुदा खान की तहरीर पर यह मामला दर्ज हुआ। शिकायत के अनुसार, 31 दिसंबर 2020 को बंथरा पुलिस ने लोहा कारोबारी विकास गुप्ता और चालक दर्शन जाटव को गिरफ्तार कर 18 पीस सरिया चोरी का मुकदमा दर्ज किया था। बाद में इनके कथित बयानों के आधार पर पूर्व बीडीसी सदस्य रंजना सिंह के पति लालता सिंह, उनके बेटे कौशलेंद्र सिंह, सतीश सिंह और कल्लू गुप्ता को भी आरोपी बनाया गया। वर्ष 2022 में लालता और कल्लू को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। जांच में पाया गया कि सभी आरोप मनगढ़ंत थे।
रंजना सिंह की शिकायत पर पूरी जांच एंटी करप्शन को सौंपी गई थी। जांच में खुलासा हुआ कि पूरा केस फर्जी था और पुलिसकर्मियों ने मिलीभगत कर निर्दोष लोगों पर झूठा मामला दर्ज किया था। इसी आधार पर तीन दिसंबर को तत्कालीन इंस्पेक्टर क्राइम प्रहलाद सिंह और दरोगा संतोष कुमार, राजेश कुमार, दिनेश कुमार व आलोक कुमार सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
आरोपी दरोगा आलोक कुमार सिंह वर्तमान में लखनऊ पुलिस लाइन में तैनात हैं, जिनके खिलाफ निलंबन की प्रक्रिया शुरू होगी। बाकी आरोपी बहराइच में तैनात हैं, जिनकी रिपोर्ट वहां के एसपी को भेजी जा रही है। डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।





टिप्पणियां