इटौंजा में बाढ़ का संकट: गांव घिरे, फसलें डूबीं, सड़कों पर जलभराव से आवागमन बाधित
- संवाददाता

- 12 अग॰
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लखनऊ में गोमती नदी के बढ़ते जलस्तर ने इटौंजा क्षेत्र के लासा और बहादुरपुर गांव में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है। नदी किनारे बसे इन गांवों के खेतों में पानी भरने से धान, लौकी, तोरई, भिंडी, करेला समेत कई फसलें जलमग्न हो गई हैं। पशुओं के लिए चारे का संकट गहराता जा रहा है।
डीएम विशाख जी ने सोमवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लासा गांव में बाढ़ कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए, जहां नायब तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल और सचिव 24 घंटे मौजूद रहेंगे। उन्होंने बसहरी पुल से बाढ़ की स्थिति का भी निरीक्षण किया और बीकेटी एसडीएम साहिल कुमार को हालात पर कड़ी नजर रखने के आदेश दिए।
डीएम ने कहा कि कंट्रोल रूम पर पशु चिकित्सा और ग्रामीणों के स्वास्थ्य के लिए मेडिकल स्टाफ लगातार तैनात रहेगा। बाढ़ में सांप के खतरे को देखते हुए एंटीवेनम इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। फिलहाल गोमती का जलस्तर खतरा निशान 109 मीटर से मात्र 5 सेंटीमीटर नीचे है, लेकिन लासा, सुल्तानपुर और बहादुरपुर की सड़कों पर 1 से 1.5 फीट पानी भर गया है, जिससे आवाजाही मुश्किल हो गई है।
लासा के ग्रामीणों ने डीएम से शिकायत की कि इटौंजा-माल रोड की पुलिया का तल ऊंचा होने के कारण पानी की निकासी बाधित होती है। पिछले साल भी इसकी मरम्मत की मांग हुई थी, लेकिन पानी उतरने के बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। डीएम ने बाढ़ के बाद समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया।
गांव के कई किसानों जैसे देवी प्रसाद और जीत बहादुर के पंपिंग सेट 6 फीट गहरे पानी में डूब गए। ग्रामीणों ने बताया कि पानी इतनी तेजी से बढ़ा कि उपकरण निकालने का समय नहीं मिला।
डीएम ने तहसीलदार बीकेटी को पूर्ति विभाग से समन्वय कर सरकारी राशन की दुकानों पर खाद्यान्न के साथ माचिस और मोमबत्ती उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही सुल्तानपुर, बहादुरपुर, लासा, मैकूपुरवा, इकडरिया खुर्द और इकडरिया कला गांवों में नावों की व्यवस्था करने और रात में बीमार ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने के लिए एसडीआरएफ की मोटरबोट तैनात रखने के आदेश भी दिए।





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