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आजम खान की रिहाई से सियासत में हलचल, झूठे मुकदमों की बहस फिर से शुरू

  • लेखक की तस्वीर: संवाददाता
    संवाददाता
  • 23 सित॰
  • 1 मिनट पठन

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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान आज करीब 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हो गए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी है, जिससे अंततः उनकी सलाखों से आजादी संभव हुई।


रिहाई की प्रक्रिया आज दोपहर लगभग 12:30 बजे पूरी हुई, जब कोर्ट में एक मामूली जुर्माना (₹6,000) अदा हो गया। इसके बाद आज़म खान कार द्वारा जेल से बाहर निकले और समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया।


उनके बेटे अदीब और अब्दुल्ला आजम भी उन्हें लेने जेल पहुंचे।


रिहाई के बाद से ही राजनीतिक माहौल गरम है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि भाजपा अब “झूठे मुकदमों” को नहीं उठाएगी और जो मामले हैं, उनका न्यायोचित निर्णय होगा।  


कुछ अन्य सपा नेताओं ने भी आजम खान के पक्ष में बयान दिए हैं कि उनकी रिहाई न्याय की जीत है।


हालांकि रिहाई के बावजूद आज़म खान की मुश्किलें पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं। बताया जा रहा है कि उनके खिलाफ लगभग 80-100 से अधिक मामले अभी भी लंबित हैं। कुछ मामलों में दस्तावेज़ी जांच या कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।


राजनीतिक गोलबंदी की अटकलें भी तेज हैं। कुछ रिपोर्ट्स कह रही हैं कि आज़म खान के सपा छोड़ कर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) में शामिल होने की संभावनाएं हो सकती हैं, हालांकि उन्होंने अभी ऐसी कोई पुष्टि नहीं की है।

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