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अब सिर्फ यूपी में बने इलेक्ट्रिक वाहनों पर ही मिलेगी सब्सिडी, ईवी खरीद पर 20 लाख रुपये तक का लाभ

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    ब्यूरो
  • 23 अग॰
  • 2 मिनट पठन

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अक्टूबर से उत्तर प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहन (EV) सब्सिडी नीति में बदलाव करने की तैयारी में है। प्रस्तावित योजना के तहत केवल प्रदेश में निर्मित ई-वाहनों को ही सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। फिलहाल यूपी में खरीदे जाने वाले किसी भी राज्य में बने ईवी पर सब्सिडी उपलब्ध है। नई व्यवस्था लागू होने पर कंपनियों को यूपी में उत्पादन यूनिटें स्थापित करनी होंगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

2022 से लागू है पॉलिसी

प्रदेश में ईवी पॉलिसी वर्ष 2022 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ाना और लोगों को प्रोत्साहित करना था। लखनऊ समेत प्रदेश के तमाम जिलों में बड़ी संख्या में ई-वाहनों की खरीद हुई और ग्राहकों ने टैक्स व पंजीकरण शुल्क में छूट के साथ सब्सिडी का फायदा उठाया।

अब तक करीब 60 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की जा चुकी है। माना जा रहा है कि 14 अक्टूबर से नया नियम लागू किया जा सकता है, क्योंकि इसी तारीख को पॉलिसी के तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं।

फायदा क्या होगा?

अधिकारियों का कहना है कि केवल यूपी में निर्मित ईवी पर सब्सिडी देने से निवेश बढ़ेगा। बड़ी कंपनियां बिक्री बढ़ाने के लिए प्रदेश में निर्माण इकाइयाँ स्थापित करेंगी। इससे रोजगार और राजस्व दोनों में बढ़ोतरी होगी और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

टैक्स और पंजीकरण पर छूट

14 अक्टूबर 2022 से लागू इस नीति के अंतर्गत ईवी खरीद पर तीन साल तक पूरी तरह टैक्स व पंजीकरण शुल्क माफ किया गया है। जिन उपभोक्ताओं ने पहले टैक्स व शुल्क चुका दिया था, उन्हें रिफंड भी दिया गया।

इतनी मिलती है सब्सिडी

  • ₹5,000 प्रति दोपहिया ईवी

  • ₹1,00,000 प्रति चारपहिया ईवी

  • ₹20,00,000 प्रति इलेक्ट्रिक बस

  • ₹1,00,000 प्रति ई-गुड्स कैरियर

अब तक का आंकड़ा

  • 17,665 वाहन मालिकों ने सब्सिडी का लाभ उठाया

  • 60 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं

  • सिर्फ अप्रैल 2024 से अब तक 40 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई

  • अभी भी 38,285 आवेदन लंबित हैं

परिवहन आयुक्त बी.एन. सिंह ने बताया कि ईवी सब्सिडी और टैक्स-पंजीकरण छूट का लाभ प्रदेश में जारी है। अक्टूबर में पॉलिसी के तीन साल पूरे होने पर नए बदलाव लागू किए जाएंगे, जिसके तहत केवल उत्तर प्रदेश में बने वाहनों को ही सब्सिडी दी जाएगी।

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