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स्कूल वैन-बस की रफ्तार 40 किमी/घंटे से ज़्यादा होने पर होगी सख्त कार्रवाई, मान्यता हो सकती है रद्द

  • लेखक की तस्वीर: ब्यूरो
    ब्यूरो
  • 5 मई
  • 1 मिनट पठन

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बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए परिवहन विभाग ने स्कूली वाहनों की तेज रफ्तार पर शिकंजा कसने का निर्णय लिया है। विभाग को लगातार मिल रही शिकायतों के बाद अब स्कूली बसों और वैन की गति की सघन निगरानी की जाएगी। आरटीओ ने अपने इंटरसेप्टर वाहनों की मदद से चेकिंग अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। यदि किसी स्कूली वाहन की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक पाई जाती है, तो संबंधित स्कूल के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे, जिनमें स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश भी शामिल है।

गौरतलब है कि स्कूली वाहनों के लिए 40 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार निर्धारित की गई है, लेकिन कई चालक स्पीड गवर्नर से छेड़छाड़ कर 70–80 किमी/घंटे की रफ्तार तक वाहन चला रहे हैं। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि बच्चों की जान को गंभीर खतरे में डालता है।

आरटीओ प्रवर्तन अधिकारी संदीप कुमार पंकज ने स्पष्ट किया कि क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाना और तय सीमा से अधिक गति से वाहन चलाना नियमों की सीधी अवहेलना है, जिसकी जिम्मेदारी ड्राइवर के साथ-साथ वाहन मालिक और स्कूल प्रबंधन की भी होगी। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से समझौता किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है।

कैसे होगी कार्रवाई?

परिवहन विभाग के मुताबिक, इंटरसेप्टर वाहनों की मदद से शहर के प्रमुख मार्गों पर ओवरस्पीडिंग की निगरानी की जाएगी। अफसर विभिन्न स्कूलों के बाहर औचक निरीक्षण भी करेंगे और स्पीड गवर्नर की जांच करेंगे। यह विशेष अभियान अगले सप्ताह से शुरू होने की संभावना है।

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