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यूपी में बिजली दरों में बड़ा झटका: 20% तक महंगी हो सकती है बिजली, सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

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    संपादक
  • 2 अप्रैल
  • 2 मिनट पठन

ब्यूरो | अप्रैल 2, 2025


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि राज्य सरकार ने बिजली दरों में संभावित 20% वृद्धि से जुड़े नए नियमों को अधिसूचित कर दिया है। मल्टी ईयर टैरिफ डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन-2025 (बहुवर्षीय वितरण टैरिफ विनियमावली) 1 अप्रैल से लागू हो गया है, जो अगले पांच वर्षों तक प्रभावी रहेगा। इससे बिजली कंपनियों को सालाना करीब 4,000 करोड़ रुपये का फायदा होगा, लेकिन आम जनता पर बढ़ा हुआ बिजली बिल भारी पड़ेगा।

बिजली

कैसे बढ़ेगा बिजली का बोझ?

नियामक आयोग जल्द ही वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई बिजली दरें तय करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। बिजली कंपनियों के अनुसार, मौजूदा बिजली दरों की तुलना में उनका घाटा 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। इसी को ध्यान में रखते हुए 20% तक बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।


बिजली कंपनियों ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के एआरआर (वार्षिक राजस्व आवश्यकता) में लगभग 70,000 करोड़ रुपये की बिजली खरीद का प्रस्ताव रखा है और वितरण हानियां 13.82% तक प्रस्तावित की गई हैं।


बिजली कंपनियों और निजी घरानों को होगा लाभ

बिजली कंपनियों ने परिचालन, अनुरक्षण, प्रशासनिक और सामान्य खर्चों के लिए 11,800 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है। नए नियमों के तहत एआरआर में ज्यादा कटौती नहीं की जा सकेगी, जिससे बिजली कंपनियों को 4,000 करोड़ रुपये तक का सीधा लाभ होगा।


उपभोक्ता परिषद ने उठाए सवाल

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियों को नए नियमों के चलते अतिरिक्त लाभ मिलने वाला है, जबकि आम उपभोक्ताओं का सरप्लस राशि 33,122 करोड़ रुपये से अधिक है। फिर भी, बिजली दरों में वृद्धि का बोझ जनता पर डाला जा रहा है।


क्या होगी सरकार की अगली रणनीति?

सरकार और नियामक आयोग की तरफ से अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि बिजली की बढ़ी दरों से उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कोई सब्सिडी मिलेगी या नहीं। लेकिन अगर 20% तक की बढ़ोतरी लागू होती है, तो यह घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर डालेगा।



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