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यूपी में बदला मौसम का मिजाज: धूप-उमस से बढ़ी परेशानी, कई नदियां अब भी उफान पर

  • लेखक की तस्वीर: संवाददाता
    संवाददाता
  • 8 सित॰
  • 2 मिनट पठन

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उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश की रफ्तार थमने के बाद फिलहाल केवल छिटपुट बूंदाबांदी देखने को मिल रही है। मौसम विभाग का कहना है कि चार दिन तक मौसम में ठहराव रहेगा, लेकिन 11 सितंबर से तराई के जिलों में फिर से मध्यम से भारी बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है। अनुमान है कि कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज जैसे इलाकों में दोबारा सक्रिय हुए मानसून का असर दिखाई देगा।

बारिश में कमी आने के साथ ही उमस भरी गर्मी लोगों की परेशानी बढ़ा रही है। रविवार को राज्य के 10 से ज्यादा जिलों में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, पिछले दिनों मध्य भारत में बना अवदाब राजस्थान की ओर खिसक गया है। वहीं, 11 सितंबर से मानसूनी ट्रफ रेखा हिमालय की तलहटी की ओर बढ़ेगी, जिससे तराई क्षेत्रों में बारिश की संभावना है।

राजधानी लखनऊ में रविवार को दिनभर धूप खिली रही। हवा में नमी और धूप की तपिश ने मिलकर उमस को और बढ़ा दिया, जिससे लोग देर शाम तक परेशान रहे। वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगले सात दिनों तक लखनऊ में अच्छी बारिश की संभावना नहीं है और मौसम शुष्क रहेगा। रविवार को शहर का अधिकतम तापमान 35.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 0.8 डिग्री ज्यादा रहा। वहीं, न्यूनतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

इधर, बारिश थमने के बावजूद नदियों का बढ़ा जलस्तर लोगों के लिए संकट बना हुआ है। गंगा और यमुना समेत कई नदियों का पानी अलीगढ़, बरेली, हाथरस और मथुरा जैसे जिलों में आबादी वाले क्षेत्रों में घुस गया है। प्रशासन लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटा हुआ है।

शाहजहांपुर में दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर बरेली मोड़ ओवरब्रिज से मौजमपुर गांव तक करीब डेढ़ किलोमीटर का इलाका पानी में डूबा हुआ है। यहां करीब दो फुट गहरा और तेज बहाव वाला पानी सड़क पर बह रहा है। इससे वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है और शाम होते-होते बहाव और तेज हो गया। नतीजतन, दोपहिया और हल्के वाहनों जैसे ऑटो और टेंपो का संचालन बंद करना पड़ा, जिससे राहगीरों को पैदल ही पानी से गुजरना पड़ा।

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