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यूपी में पानी से चलने वाली कार निर्माण का रास्ता साफ, ग्रीन हाइड्रोजन हब बनने की तैयारी

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    ब्यूरो
  • 29 जुल॰
  • 1 मिनट पठन

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सौर ऊर्जा के बाद अब उत्तर प्रदेश ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में भी बड़ा कदम उठाने जा रहा है। प्रदेश को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का हब बनाने की दिशा में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने जापान के साथ महत्वपूर्ण सहयोग की पहल की है। जापानी उद्यमियों ने उत्तर प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की सहमति दी है।

ग्रीन हाइड्रोजन तकनीक से पानी से चलने वाली कारों के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। इस प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरण आनंद और यूपीनेडा के निदेशक इंदरजीत सिंह शामिल थे। उन्होंने जापान में टोयोटा मिराई कार की तकनीक पर चर्चा की, यह अगली पीढ़ी की हाइड्रोजन फ्यूल सेल कार है जो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के संयोजन से ऊर्जा उत्पन्न करती है और उत्सर्जन के रूप में केवल पानी छोड़ती है।

यह तकनीक प्रदेश की शून्य उत्सर्जन परिवहन नीति के तहत एक आदर्श उदाहरण के रूप में देखी जा रही है। बैठक में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने हेतु साझेदारी बढ़ाने पर भी जोर दिया गया। यूपीनेडा निदेशक ने प्रदेश में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए वैश्विक संस्थाओं से सहयोग और मजबूत करने की बात कही।

प्रतिनिधिमंडल ने जापान के यामानाशी प्रान्त में कई हाईटेक संयंत्रों का निरीक्षण किया, जिनमें नेसार्ड ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट, पॉवर-टू-गैस तकनीक से लैस संटोरी हकुशू डिस्टिलरी, और हाइड्रोजन रिसर्च सेंटर प्रमुख रहे।

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