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उत्तर प्रदेश: लापरवाही, अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार में फंसे 15 डॉक्टर, कई पर निलंबन और विभागीय कार्रवाई

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    ब्यूरो
  • 4 दिन पहले
  • 2 मिनट पठन

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही और अनुशासनहीनता के मामलों को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात कुल 15 डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इनमें से एक डॉक्टर को निलंबित किया गया है, जबकि कई अन्य पर वेतन कटौती से लेकर विभागीय जांच तक के आदेश दिए गए हैं।

सीएचसी अधीक्षक को निलंबित, शराब पीने का आरोप

मऊ जिले के रतनपुरा सीएचसी के अधीक्षक डॉ. भैरव कुमार पांडेय को ड्यूटी के दौरान शराब के नशे में रहने और राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में रुचि न लेने के चलते निलंबित कर दिया गया है। उन्हें आजमगढ़ के अपर निदेशक मंडल कार्यालय से संबद्ध किया गया है।

निजी प्रैक्टिस में लिप्त पाए गए चिकित्सक पर वेतन वृद्धि रोकी गई

भदोही जिले के महाराजा चेत सिंह जिला अस्पताल में तैनात फिजीशियन डॉ. प्रदीप कुमार यादव के खिलाफ प्राइवेट प्रैक्टिस करने की शिकायत मिली थी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर उनकी दो वेतन वृद्धियां स्थायी रूप से रोक दी गई हैं।

वित्तीय गड़बड़ियों पर भी कार्रवाई

स्वास्थ्य महानिदेशालय के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील वर्मा पर औरेया में तैनाती के दौरान वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं। मामले की जांच के लिए निदेशक (प्रशासन) को आदेश दिए गए हैं और प्रमुख सचिव को विभागीय कार्यवाही के निर्देश भी भेजे गए हैं।

अन्य डॉक्टरों पर अनुशासनहीनता, अनुपस्थिति और लापरवाही के आरोप

डिप्टी सीएम ने पांच अन्य डॉक्टरों पर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इनमें शामिल हैं:

  • डॉ. रितेश कुमार सिंह (सीएचसी, कप्तानगंज, कुशीनगर)

  • डॉ. दीप्ती गुप्ता (केपीएम नगरीय पीएचसी, कानपुर नगर)

  • डॉ. तनवीर असलम अंसारी (सीएचसी, गोला, गोरखपुर)

  • डॉ. अकांक्षा पनवार (सीएचसी, बरनाहल, मैनपुरी)

  • डॉ. रखशिंदा नाहिद (सीएचसी, कछौना, हरदोई)

इन पर मरीजों की उपेक्षा, बगैर सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थिति और अनुशासनहीनता जैसे आरोप लगे हैं।

दो डॉक्टरों से मांगा गया स्पष्टीकरण

ललितपुर जिले के जखौरा सीएचसी के अधीक्षक डॉ. समीर प्रधान और बुलंदशहर में तैनात डॉ. पूनम सिंह से उनके आचरण को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर भी घेरे में

बांदा मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के दो सहायक आचार्य—डॉ. अनूप कुमार सिंह और डॉ. सोमेश त्रिपाठी—पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। कुशीनगर मेडिकल कॉलेज की गायनी विशेषज्ञ डॉ. रुचिका सिंह पर भी विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई है।

प्रधानाचार्यों पर साठगांठ के आरोप

शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व और वर्तमान प्रधानाचार्य—डॉ. अभय कुमार सिन्हा और डॉ. राजेश कुमार—के खिलाफ सेवा प्रदाता फर्म से मिलीभगत कर अनुचित लाभ पहुंचाने के आरोप में विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं।

यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक सख्त कदम मानी जा रही है।

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