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अयोध्या हाईवे पर रिश्वतखोरी में फंसे दरोगा और तीन सिपाही दोषी करार, ऑडियो रिकॉर्डिंग बनी निर्णायक सबूत

  • लेखक की तस्वीर: संवाददाता
    संवाददाता
  • 23 मई
  • 2 मिनट पठन



अयोध्या हाईवे पर वाहनों से अवैध वसूली में लिप्त पाए गए एक दरोगा और तीन सिपाहियों की करतूत अब उजागर हो गई है। विभागीय जांच में इन पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया है और रिपोर्ट ट्रैफिक मुख्यालय को सौंप दी गई है। अब इनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, जिसमें न्यूनतम वेतन कटौती से लेकर सेवा से बर्खास्तगी तक की सजा संभव है।

यह मामला पिछले साल जून का है, जब तत्कालीन जॉइंट पुलिस कमिश्नर (कानून-व्यवस्था) उपेंद्र अग्रवाल को शिकायत मिली थी कि अयोध्या हाईवे पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी बाहर से आने वाले वाहनों से अवैध रूप से पैसे वसूल रहे हैं। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जेसीपी ने एक विशेष स्टिंग ऑपरेशन कराया, जिसमें एक पुलिसकर्मी को दूसरे राज्य की बस में परिचालक बनाकर भेजा गया।

स्टिंग के दौरान कमता तिराहे पर दरोगा उमेश सिंह और सिपाही शुभम कुमार, विवेक विशाल दुबे व सचिन कुमार वाहनों से खुलेआम वसूली करते पकड़े गए। इन पर विभूतिखंड थाने में एफआईआर भी दर्ज की गई थी। एडीसीपी ट्रैफिक की अगुवाई में की गई जांच में सभी पुलिसकर्मी दोषी पाए गए।

ऑडियो रिकॉर्डिंग बनी निर्णायक कड़ी

स्टिंग ऑपरेशन के दौरान की गई ऑडियो रिकॉर्डिंग इस पूरे मामले में अहम सबूत के रूप में सामने आई। रिकॉर्डिंग में आरोपी पुलिसकर्मियों की वसूली की बातचीत साफ तौर पर सुनी जा सकती है। जांच में इस रिकॉर्डिंग को निर्णायक साक्ष्य के रूप में स्वीकार किया गया।


रोजाना होती थी संगठित वसूली

जांच में खुलासा हुआ कि ये पुलिसकर्मी खासतौर पर दूसरे राज्यों की निजी बसों, ट्रकों और डंपरों को निशाना बनाते थे। हर वाहन से 1000 रुपये की मांग की जाती थी, और इंकार करने पर वाहन सीज करने की धमकी दी जाती थी। मजबूरी में वाहन चालक पैसे देकर ही आगे बढ़ पाते थे।

एफआईआर के बावजूद कार्रवाई ठप

भले ही भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ हो, लेकिन आज तक इन पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। सूत्रों के मुताबिक, जेसीपी उपेंद्र अग्रवाल के तबादले के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अब जब जांच रिपोर्ट सामने आ चुकी है, तो उम्मीद है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और सिस्टम में पारदर्शिता बहाल होगी।

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