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अखिलेश यादव की मांग: महाराणा प्रताप जयंती पर दो दिवसीय अवकाश, कहा: महापुरुष किसी एक जाति के नहीं

  • लेखक की तस्वीर: ब्यूरो
    ब्यूरो
  • 9 मई
  • 2 मिनट पठन


समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय से आयोजित प्रेस वार्ता में महाराणा प्रताप की जयंती को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि महान व्यक्तित्वों को राजनीति में घसीटना अनुचित है और किसी भी राजनीतिक दल को उनका लाभ नहीं उठाना चाहिए। इसी क्रम में उन्होंने महाराणा प्रताप की जयंती पर दो दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग उठाई।

अखिलेश ने स्पष्ट किया कि महाराणा प्रताप न किसी एक जाति के हैं और न ही किसी खास वर्ग के। वे पूरे देश के गौरव हैं। उन्होंने कहा, “भाजपा बार-बार महापुरुषों को अपने एजेंडे का हिस्सा बनाती है, जबकि उसके कार्यों में न रोजगार है, न व्यापार के लिए कोई दृष्टि।”

गोमती रिवर फ्रंट पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा की घोषणा

अखिलेश यादव ने यह भी घोषणा की कि अगर राज्य में सपा की सरकार बनती है, तो लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट पर महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस प्रतिमा में महाराणा प्रताप के हाथ में चमकती हुई सोने की तलवार होगी, जो उनकी वीरता और साहस का प्रतीक होगी।

मेलों के विरोध पर भाजपा पर निशाना

भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि मौजूदा सरकार सदियों पुराने पारंपरिक मेलों का विरोध कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि “भाजपा का ध्यान व्यापार और लोगों के रोज़गार पर कभी नहीं रहा, इसीलिए वह उन आयोजनों से दूरी बना रही है, जो लोगों को आर्थिक रूप से जोड़ते हैं।”

एलओआई जारी करने पर जताई चिंता

देश की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि जब देश युद्ध जैसी स्थिति में उलझा है, तब सरकार चुपचाप तरीके से एलओआई (Letter of Intent) जारी कर रही है, जो पारदर्शिता की कमी दर्शाता है।


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