लखनऊ-कानपुर कॉरिडोर बनेगा हाई प्रोफाइल नौकरियों का नया गढ़, दो लाख युवाओं को मिलेगा बेहतर रोजगार
- संवाददाता

- 6 अग॰
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अब तक हाई सैलरी जॉब्स के लिए सिर्फ नोएडा और गाजियाबाद जैसे शहरों को ही प्रमुख माना जाता था, लेकिन आने वाले समय में टियर-2 शहरों में भी अच्छी सैलरी वाली नौकरियां उपलब्ध होंगी। उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ-कानपुर कॉरिडोर को रोजगार का नया हब बनाने जा रही है, जहां ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर (GCC) के अंतर्गत कम से कम दो लाख उच्चस्तरीय नौकरियां देने का लक्ष्य रखा गया है।
इस पहल का उद्देश्य देशभर में फैले यूपी के लगभग 20 लाख कुशल युवाओं को वापस उनके राज्य में आकर्षित करना है। वर्तमान में प्रदेश में नोएडा-एनसीआर क्षेत्र ही हाई सैलरी जॉब्स का मुख्य केंद्र है, लेकिन अब लखनऊ, कानपुर और उन्नाव को जोड़ने वाला यह कॉरिडोर नई संभावनाओं से भरपूर होगा। प्रयागराज, वाराणसी, बरेली, गोरखपुर और आगरा जैसे शहरों को भी इस योजना में शामिल किया गया है।
कॉरिडोर में पहले से ही 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं जमीन पर उतर चुकी हैं, और देश का पहला AI विश्वविद्यालय (चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी) भी यहां स्थापित किया जा चुका है। इसके अलावा, हीरानंदानी लॉजिस्टिक पार्क, इंटरनेशनल बियर निर्माता कंपनी और करीब 14 डिफेंस कंपनियों ने भी इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
GCC के तहत स्थापित किए जाएंगे:
ग्लोबल हब्स
सेटेलाइट ऑफिस
आउटसोर्सिंग सेंटर्स
क्लस्टर ऑफिस
साथ ही 40 IT पार्क और 25 विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) विकसित किए जाएंगे। इसके चलते डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, मॉल और होटल्स भी तेजी से विकसित होंगे, जिससे प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
सरकार की चार-स्तरीय रोजगार योजना:
कम शिक्षित युवाओं को कुशल बनाना:
विश्वकर्मा सम्मान जैसी योजनाओं के तहत सेवा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और घर-घर सेवाओं की सुविधा।
एक लाख से अधिक को प्रशिक्षण और ₹27 करोड़ की आय अर्जित।
स्वरोजगार को बढ़ावा:
सीएम युवा उद्यमिता योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का बिना ब्याज ऋण।
6 लाख आवेदन और अब तक 67 हजार युवाओं को ऋण स्वीकृति।
वैश्विक स्तर पर रोजगार:
"यूपी रोजगार मिशन" के जरिए विदेशों में रोजगार के लिए प्रशिक्षण व अवसर।
हाई प्रोफाइल जॉब्स:
IIT, IIM जैसे संस्थानों से पास युवाओं को ₹6 लाख सालाना या उससे अधिक वेतन वाली नौकरियों की व्यवस्था।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस पूरी योजना को तेज़ी से अमल में लाने के लिए हर स्तर की मंजूरी को समयबद्ध किया गया है। अगले दो वर्षों में दो लाख उच्च वेतन वाली नौकरियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो प्रदेश के आर्थिक और तकनीकी विकास में निर्णायक भूमिका निभाएगा।





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