योगी आदित्यनाथ ने ‘रन फॉर यूनिटी’ को दी हरी झंडी
- ब्यूरो

- 31 अक्टू॰
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लखनऊ में ‘भारत रत्न’ सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और कहा कि भारत की एकता और अखंडता के लिए जीवन समर्पित करने वाले लौह पुरुष को सच्ची श्रद्धांजलि तभी दी जा सकती है, जब हम उनके आदर्शों को अपने आचरण में उतारें।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरदार पटेल का जीवन, समर्पण और त्याग हर भारतीय के लिए आज भी प्रेरणास्रोत है। राष्ट्रीय एकता दिवस पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्रीय भेदभाव से ऊपर उठकर हम राष्ट्र की एकता और अखंडता को सुदृढ़ बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से देश में उन महान विभूतियों को सम्मान देने की परंपरा शुरू हुई है, जिन्होंने भारत को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया। आज देशभर में 600 से अधिक स्थानों पर ‘रन फॉर यूनिटी’ के माध्यम से युवाओं में राष्ट्रभक्ति और एकता की भावना को सशक्त करने का अभियान चल रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि हमारी भारतीय परंपरा में कहा गया है, “शिवो भूत्वा शिवं यजेत”, यानी जिसे हम पूजते हैं, उसके अनुरूप हमें स्वयं को भी ढालना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल भाषणों में नहीं, बल्कि व्यवहार में भी एकता और अखंडता के मूल्यों को अपनाना ही सच्ची श्रद्धांजलि है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केवड़िया (गुजरात) में निर्मित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ सरदार पटेल की स्मृति को जीवंत करती है और आज वह राष्ट्रीय प्रेरणास्थली बन चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद सरदार पटेल ने ब्रिटिश साजिशों को विफल करते हुए 563 रियासतों का भारत गणराज्य में विलय कराया और अखंड भारत की नींव रखी। जब हैदराबाद और जूनागढ़ जैसी रियासतों ने भारत में शामिल होने से इनकार किया, तब उन्होंने पहले संवाद का मार्ग अपनाया, लेकिन जब राष्ट्र की अखंडता पर खतरा उत्पन्न हुआ, तो कठोर निर्णय लेकर भारत की एकता को सुरक्षित किया। उन्होंने स्पष्ट कहा था—भारत की अखंडता के साथ कोई खिलवाड़ स्वीकार्य नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर सरदार पटेल के उस सपने को साकार किया है, जो अखंड भारत की संकल्पना पर आधारित था। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।





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