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आश्रय गृह से निकले युवक-युवतियों को मिलेगा आत्मनिर्भर बनने का मौका, तैयार हुआ पहला बैच

  • लेखक की तस्वीर: ब्यूरो
    ब्यूरो
  • 22 अग॰
  • 2 मिनट पठन

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उत्तराखंड में महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल सुधार गृह और अनाथालय से बाहर आए युवाओं के लिए नई पहल की है। इस योजना के तहत 18 युवाओं का पहला बैच तैयार किया गया है, जिन्हें नोएडा स्थित हल्दीराम स्किल अकादमी में तीन महीने का आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद इन्हें लगभग ₹19 हजार मासिक वेतन के साथ नौकरी भी उपलब्ध कराई जाएगी।

पहले बैच के लिए मल्टी-क्यूज़ीन कोर्स आयोजित किया गया है। इसकी शुरुआत शुक्रवार को हरिद्वार में होने वाले राज्य स्तरीय कार्यक्रम से होगी, जिसमें सभी चयनित युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। इसके बाद 25 अगस्त को उन्हें नोएडा भेजा जाएगा।

महिला एवं बाल कल्याण निदेशक बंशी लाल राणा ने बताया कि चयनित युवाओं में 12 ऐसे हैं जो बाल सुधार गृह में 18 वर्ष पूरे करने के बाद बाहर आए हैं, जबकि छह युवतियां अनाथ और निराश्रित वर्ग से हैं। इनमें से अधिकतर (13) प्रतिभागी हरिद्वार जिले से हैं, इसलिए कार्यक्रम का शुभारंभ वहीं से किया जा रहा है।

प्रशिक्षण पूरा करने के बाद युवाओं की नियुक्ति हल्दीराम के विभिन्न आउटलेट्स पर की जाएगी, जहाँ शुरुआती वेतन ₹18,902 होगा। विभाग का मानना है कि यह कार्यक्रम न केवल उनके भविष्य को सुरक्षित बनाएगा बल्कि उन्हें समाज का सम्मानित और आत्मनिर्भर सदस्य भी बनाएगा। मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि यह पहल विशेष रूप से उन किशोरों के पुनर्वास पर केंद्रित है, जो विधि-विवादित श्रेणी से आए हैं, ताकि उन्हें नया और सकारात्मक जीवन मिल सके।

नौकरी और सुविधाएं सुनिश्चित मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता के अनुसार, प्रशिक्षण के दौरान सभी युवाओं को आवास, भोजन, स्वच्छता सामग्री, परिवहन, यूनिफॉर्म और मोबाइल फोन जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कोर्स पूरा होने के बाद नौकरी के पहले महीने में अतिरिक्त आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया जाएगा।

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