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69000 शिक्षक भर्ती: अभ्यर्थियों ने की भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग

  • लेखक की तस्वीर: ब्यूरो
    ब्यूरो
  • 23 मई
  • 1 मिनट पठन

उत्तर प्रदेश की 69000 शिक्षक भर्ती में फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी हासिल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज़ी से जारी है। प्रदेश भर में ऐसे मामलों में दोषी पाए गए अभ्यर्थियों को नौकरी से बर्खास्त किया जा रहा है। लेकिन अब इस कार्रवाई की दिशा बदलती नजर आ रही है। भर्ती में गड़बड़ी के खिलाफ लंबे समय से आंदोलनरत अभ्यर्थियों ने सिर्फ उम्मीदवारों ही नहीं, बल्कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाने की मांग उठाई है।

आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की अगुवाई कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि फर्जीवाड़े के मामलों में शामिल लोगों की संख्या काफी अधिक है और चिंता की बात यह है कि कई अधिकारी अब भी उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इसे न सिर्फ गलत, बल्कि सिस्टम के लिए खतरनाक बताया।

पटेल ने सरकार से अपील की है कि इस भर्ती घोटाले में जो भी दोषी हैं, चाहे वे उम्मीदवार हों या अधिकारी, सभी के खिलाफ समान रूप से कठोर कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि जब तक भ्रष्ट अधिकारियों को सज़ा नहीं मिलेगी, तब तक इस तरह की गड़बड़ियां रुकेंगी नहीं।

यह मांग अब भर्ती घोटाले के खिलाफ लड़ रहे आंदोलन को नई दिशा देने का संकेत दे रही है, जिसमें जवाबदेही तय करने की बात प्रमुखता से उठाई जा रही है।

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