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सीतापुर में पत्रकार की दिनदहाड़े हत्या, सपा-कांग्रेस ने सरकार पर उठाए सवाल

लेखक की तस्वीर: संवाददाता संवाददाता

संवाददाता | मार्च 9, 2025


सीतापुर के महोली तहसील में दैनिक जागरण के पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके शरीर पर चार गोलियों के निशान मिले हैं। यह वारदात उस वक्त हुई जब उन्होंने हाल ही में धान खरीद घोटाले और जमीन खरीद में स्टांप चोरी को उजागर किया था। घटना के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।

 
पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी
 

बेखौफ अपराधियों ने बरसाईं गोलियां

शनिवार को कोतवाली क्षेत्र में हुए इस हमले में पेशेवर अपराधियों की संलिप्तता के संकेत मिल रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावरों ने 315 बोर और 311 बोर के हथियारों का इस्तेमाल किया। चार गोलियां मारे जाने से साफ है कि हत्यारों का इरादा राघवेंद्र को जिंदा छोड़ने का नहीं था। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।


घोटालों का पर्दाफाश करना पड़ा भारी?

राघवेंद्र वाजपेयी ने हाल ही में धान खरीद घोटाले को उजागर किया था, जिसमें लेखपालों ने फर्जी तरीके से धान की फसल का सत्यापन किया और बिना जमीन मालिकों के नाम पर खरीद-बिक्री कर लाखों रुपये का गबन किया। इस मामले की जांच चल रही थी। वहीं, उन्होंने जमीन खरीद में स्टांप चोरी का भी खुलासा किया था, जिसके चलते प्रशासन जांच में जुटा था। घोटाले उजागर करने के कारण राघवेंद्र को पहले से ही धमकियां मिल रही थीं।


मासूम बच्चों और वृद्ध पिता का सहारा छिना

राघवेंद्र अपने परिवार की आर्थिक रीढ़ थे। उनके भाई की 15 साल पहले मौत हो गई थी, जिससे उनके वृद्ध पिता मानसिक रूप से बीमार रहने लगे। वे लखनऊ में पिता का इलाज करा रहे थे। उनकी पत्नी और दो छोटे बच्चे (10 वर्षीय बेटा आराध्य और 8 वर्षीय बेटी अस्मिता) बेसहारा हो गए हैं।


राजनीतिक दलों ने सरकार पर बोला हमला

इस हत्या पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है। समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “क्या यही है ‘डबल इंजन’ सरकार की कानून व्यवस्था? पत्रकार की हत्या कर दी गई और सरकार चुप है। अगर पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता का क्या होगा?”


वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने हत्या की निंदा करते हुए सरकार से दोषियों की गिरफ्तारी, पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा और राघवेंद्र की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग की।


पुलिस जांच जारी

महोली कोतवाली प्रभारी विनोद कुमार मिश्र के अनुसार, राघवेंद्र वाजपेयी सरल स्वभाव के थे और हमेशा निष्पक्ष रिपोर्टिंग करते थे। घटना के दिन वे समाधान दिवस कार्यक्रम में गए थे, जहां उन्होंने कुछ तस्वीरें खींची थीं और फिर लौट गए। पुलिस ने हत्या के पीछे की वजहों की जांच शुरू कर दी है।

 


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