संवाददाता | फरवरी 28, 2025
प्रयागराज: संभल स्थित जामा मस्जिद में केवल सफाई की अनुमति दी गई है, जबकि सफेदी और मरम्मत पर रोक लगा दी गई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने अपनी रिपोर्ट में मस्जिद की मौजूदा स्थिति का विश्लेषण कर यह स्पष्ट किया कि सफेदी की कोई आवश्यकता नहीं है।

हाईकोर्ट का निर्देश, अगली सुनवाई 5 मार्च को
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने याचिकाकर्ता को रिपोर्ट पर जवाब दाखिल करने का समय दिया है। इसके साथ ही, ASI को सोमवार तक हलफनामे के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 5 मार्च को होगी।
ASI की रिपोर्ट और विरोध के दावे
ASI का बयान: संरक्षित स्थल होने के कारण सफेदी और मरम्मत की अनुमति नहीं दी जा सकती।
मंदिर पक्ष का विरोध: मंदिर पक्ष ने दावा किया कि सफाई और मरम्मत की आड़ में ऐतिहासिक साक्ष्यों से छेड़छाड़ हो सकती है, इसलिए इसका विरोध किया गया।
जामा मस्जिद कमेटी की याचिका और जांच टीम का निरीक्षण
जामा मस्जिद इंतेजामिया कमेटी की अर्जी पहले ASI ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
हाईकोर्ट ने ASI की तीन सदस्यीय टीम गठित कर 24 घंटे में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।
गुरुवार को ASI की टीम ने मस्जिद का निरीक्षण किया, इस दौरान फोटो और वीडियोग्राफी कराई गई।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
जामा मस्जिद के निरीक्षण के दौरान एएसपी, एसडीएम और मस्जिद कमेटी सदर मौजूद रहे। संवेदनशील स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने मस्जिद के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी।
स्थानीय पुलिस के साथ PAC और RRF के जवान भी तैनात किए गए।
निरीक्षण के दौरान ASI टीम ने मोबाइल से मस्जिद के अंदर और बाहरी हिस्से की फोटो और वीडियो रिकॉर्डिंग की।
क्या होगा आगे?
अब मामले में ASI को सोमवार तक हलफनामा दाखिल करना होगा, जिसके बाद हाईकोर्ट 5 मार्च को अगली सुनवाई में अंतिम फैसला ले सकता है।
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