ब्यूरो | फरवरी 13, 2025
मेरठ शहर को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। भैंसाली रोडवेज बस अड्डे को शहर से बाहर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। बस अड्डे को दो अलग-अलग स्थानों—भूड़बराल और मोदीपुरम—में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए कुल 39,930 वर्ग मीटर भूमि अधिग्रहित की जा रही है।

भूमि अधिग्रहण का सर्वे पूरा, जल्द होगा अंतिम निर्णय
जिला प्रशासन, तहसील और एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) की संयुक्त टीम ने भूमि का माप सर्वे पूरा कर लिया है। अब एडीएम (भूमि अध्याप्ति) इस सर्वे रिपोर्ट की अंतिम समीक्षा कर रहे हैं। माना जा रहा है कि अगले एक सप्ताह में अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और भूमि मालिकों को मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
400 से अधिक बसों को शहर से बाहर किया जाएगा
मेरठ की महायोजना 2021 के तहत शहर के भीतर चलने वाले निजी और रोडवेज बस अड्डों को बाहरी क्षेत्रों में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा गया था। इस योजना के तहत, विभिन्न राज्यों और जिलों से प्रतिदिन आने वाली 400 से अधिक बसों को शहर के भीतर प्रवेश करने से रोका जाएगा, जिससे यातायात की भीड़ कम होगी।
भूड़बराल और मोदीपुरम में बनेंगे नए बस अड्डे
शहर से बाहर किए जा रहे बस अड्डों के लिए चार गांवों की भूमि अधिग्रहित की जा रही है। भूड़बराल में 28,082 वर्ग मीटर और मोदीपुरम में 11,848 वर्ग मीटर भूमि पर नए बस अड्डे विकसित किए जाएंगे। भूड़बराल के लिए 9 खसरों और मोदीपुरम के लिए सिवाया, पल्हैड़ा व दुल्हैड़ा गांवों की 13 खसरों की जमीन ली जा रही है।
एनसीआरटीसी उठाएगा भूमि अधिग्रहण का खर्च
भूमि अधिग्रहण की पूरी लागत एनसीआरटीसी द्वारा वहन की जाएगी, जो मेरठ में रैपिड रेल परियोजना का कार्य भी देख रही है। अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होते ही भूमि को एनसीआरटीसी को सौंप दिया जाएगा, जहां नए बस अड्डों का निर्माण होगा।
इस फैसले से मेरठ के नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि इससे शहर की सड़कों पर यातायात का दबाव कम होगा और लोगों को सुगम सफर की सुविधा मिलेगी।
Comments