संवाददाता | मार्च 10, 2025
नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत के साथ ही विपक्ष ने मणिपुर हिंसा, मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विपक्षी दलों ने विभिन्न मुद्दों पर जोरदार हंगामा किया, जिससे कार्यवाही बाधित हुई।

लोकसभा में भाषा विवाद को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और डीएमके सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। केंद्रीय मंत्री ने तमिलनाडु सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वह ‘पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया’ (पीएम श्री) योजना को लागू करने में बाधा डाल रही है और राज्य के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। प्रधान ने डीएमके को 'बेईमान' करार देते हुए कहा, "वे केवल भाषा की बाधाएं खड़ी कर राजनीति कर रहे हैं और तमिलनाडु के छात्रों की भलाई के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं।"
डीएमके सांसदों ने इस बयान का कड़ा विरोध किया, जिसके चलते लोकसभा की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
मणिपुर और वक्फ संशोधन विधेयक पर सरकार का फोकस
सरकार की प्राथमिकता इस सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक को पारित कराने और बजटीय प्रक्रियाओं को पूरा करने पर है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मणिपुर का बजट इसी सत्र में पेश करेंगी।
ताजमहल में दरार का मुद्दा संसद में उठा
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) में खाली पदों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि "ताजमहल में दरारें आ रही हैं और पानी का रिसाव हो रहा है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही।"
लगातार हंगामे के चलते लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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