संवाददाता | जनवरी 31, 2025
लखनऊ | लखनऊ के चिनहट इलाके में इंडियन ओवरसीज बैंक के 42 लॉकरों से चोरी हुए सोने की बरामदगी में गड़बड़ी सामने आने के बाद पुलिस महकमे पर सवाल खड़े हो गए हैं। डीसीपी पूर्वी की स्वाट टीम पर आरोप है कि जब्त किए गए सोने में छह किलो की हेराफेरी कर दी गई। इस गंभीर मामले की शिकायत के बाद डीसीपी शशांक सिंह ने अपनी विशेष टीम को भंग कर जांच के आदेश दिए हैं। एडीसीपी पंकज कुमार सिंह को मामले की जांच सौंपी गई है, जबकि स्वाट और सर्विलांस टीम के सभी सदस्यों को नोटिस जारी कर उनके बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है।

जांच में सामने आया कि बैंक लूट के बाद पूर्वी जोन की स्वाट टीम के कुछ सदस्य गाजीपुर दबिश देने गए थे, जहां से बरामद माल लेकर लौटने के बाद कई पुलिसकर्मी अचानक छुट्टी पर चले गए। सूत्रों के मुताबिक, इन पुलिसकर्मियों के चार से पांच दिन तक गायब रहने के बाद उच्चाधिकारियों ने जब बरामदगी का मिलान किया तो चोरी हुए सोने में गड़बड़ी पाई गई। बैंक प्रबंधन के अनुसार, कुल 12 किलो सोना चोरी हुआ था, लेकिन बरामद सोने की मात्रा इससे कम पाई गई।
इस घटना ने पूर्वी जोन की क्राइम टीम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले भी इस टीम पर गड़बड़ियों के आरोप लग चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। पुलिस विभाग में यह भी चर्चा है कि स्वाट टीम में तैनात कुछ पुलिसकर्मी महीनों से इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त थे, जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को भी थी। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि दबिश में शामिल पुलिसकर्मियों को बिना जांच के लंबी छुट्टी पर कैसे भेज दिया गया? जब कार्रवाई के दौरान टीम के अहम सदस्य गायब हो गए तो तत्काल पूछताछ क्यों नहीं की गई? और आखिरकार अब जाकर टीम को भंग करने का फैसला क्यों लिया गया?
इस मामले में आगे की जांच जारी है, लेकिन पुलिस महकमे पर लगे इस दाग ने विभागीय कार्यप्रणाली और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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