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बाराबंकी में तीन लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, उपभोक्ताओं को मिलेगी सटीक बिलिंग और प्रीपेड पर छूट

लेखक की तस्वीर: संवाददाता संवाददाता

संवाददाता | मार्च 10, 2025


बाराबंकी: जिले में उपभोक्ताओं को गलत बिजली बिलों से राहत देने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए तीन लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जाने की योजना पर काम तेजी से जारी है। अब तक 5,000 से अधिक सरकारी कार्यालयों और कुछ आवासीय क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। यह पहल उपभोक्ताओं को रोजाना बिजली खपत की जानकारी उपलब्ध कराने और गलत बिलिंग से बचाने में मदद करेगी।


स्मार्ट मीटर से क्या होंगे फायदे?

रोजाना बिजली खपत की जानकारी मिलेगी

गलत बिलिंग की समस्या होगी खत्म

प्रीपेड मीटर पर मिलेगी 2% की छूट

नेट मीटरिंग से कनेक्ट कर सौर ऊर्जा का लाभ उठाया जा सकेगा

मोबाइल पर हर महीने बिल जनरेट होगा, मीटर रीडर का इंतजार नहीं करना पड़ेगा

 
स्मार्ट मीटर
 

पहले चरण में सरकारी दफ्तरों में हो रही मीटरिंग

बाराबंकी जिले के पांच डिवीजनों (बाराबंकी, रामसनेहीघाट, रामनगर, हैदरगढ़ और फतेहपुर) में यह स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। पहले चरण में सरकारी कार्यालयों और आवासीय कॉलोनियों में मीटर लगाए जा रहे हैं। नगर के पल्हरी और ओबरी क्षेत्र में कुछ उपभोक्ताओं के घरों में भी स्मार्ट मीटर लग चुके हैं।


स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर मिलेगी छूट

बिजली विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगवाने वाले उपभोक्ताओं को 2% की छूट मिलेगी। इन मीटरों को नेट मीटरिंग सिस्टम से भी जोड़ा जा सकता है, जिससे सौर ऊर्जा से बिजली की खपत को संतुलित किया जा सकेगा।


बिजली निजीकरण पर बढ़ा विरोध, आज खुलेगी तकनीकी बिड

इस बीच, बिजली निजीकरण को लेकर कर्मचारियों का विरोध तेज हो गया है। सोमवार को अपराह्न 3 बजे निजीकरण सलाहकार चयन की तकनीकी बिड खोली जाएगी, जिसके खिलाफ बिजली कर्मचारी प्रदेशभर में प्रदर्शन करेंगे।


विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि 42 जिलों में बिजली निजीकरण की योजना रद्द की जाए। समिति के पदाधिकारियों का आरोप है कि ग्रेटर नोएडा और आगरा में निजी कंपनियां किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं के साथ भेदभाव कर रही हैं। ग्रेटर नोएडा के ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 10-12 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है, जबकि निजी कंपनियां सिर्फ मुनाफे के लिए काम कर रही हैं।

क्या स्मार्ट मीटर से बिजली उपभोक्ताओं को फायदा होगा, या निजीकरण से नई समस्याएं खड़ी होंगी? यह देखना दिलचस्प होगा।

 


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