ब्यूरो फरवरी 1, 2025
कानपुर | बजट से पहले किसानों और आम उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर आई है। उत्तर प्रदेश कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ने आलू भंडारण दरों में 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी का फैसला किया है, जिससे किसानों की लागत बढ़ेगी और बाजार में आलू के दाम बढ़ने की पूरी संभावना है। महंगाई की मार आम आदमी तक पहुंचेगी, जिससे घरेलू बजट प्रभावित हो सकता है।

कोल्ड स्टोरेज भाड़े में बढ़ोतरी, असर पूरे प्रदेश पर
उत्तर प्रदेश के 74 शीतगृहों में आलू भंडारण महंगा हो गया है। सादा आलू का किराया 280 से बढ़कर 300 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि शुगर फ्री व चिप्सोना आलू का किराया 320 से बढ़कर 340 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। कोल्ड स्टोरेज मालिकों ने रखरखाव और अमोनिया गैस की बढ़ती कीमतों को कारण बताया है।
लखनऊ में हुई अहम बैठक, बढ़ती लागत पर हुई चर्चा
गुरुवार को लखनऊ के एक होटल में उत्तर प्रदेश के प्रमुख आलू उत्पादक जिलों – आगरा, अलीगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, इटावा, फर्रुखाबाद, कानपुर, लखनऊ सहित कई जिलों के कोल्ड स्टोरेज मालिकों की बैठक हुई। अलीगढ़ कोल्ड स्टोरेज ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गिर्राज गोदानी ने बताया कि रखरखाव खर्चों में बढ़ोतरी के चलते यह निर्णय लिया गया।
बढ़ेगी महंगाई, उपभोक्ताओं पर पड़ेगा असर
भंडारण महंगा होने से किसानों को अधिक खर्च उठाना पड़ेगा, जिसका सीधा असर बाजार में आलू की कीमतों पर पड़ेगा। इससे न सिर्फ किसान, बल्कि आम उपभोक्ता भी महंगाई की मार झेलने के लिए मजबूर होंगे। अब देखना होगा कि बजट में सरकार इस पर कोई राहत देती है या नहीं।
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