संवाददाता | मार्च 7, 2025
चंदौली। पंडित दीनदयाल उपाध्याय (पीडीडीयू) रेल मंडल में भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की कार्रवाई तेज हो गई है। शुक्रवार तड़के एक बार फिर CBI की टीम ने मंडल कार्यालय पर छापा मारा और इस बार पूरे एक सप्ताह तक जांच-पड़ताल जारी रहेगी। ट्रांसफर, पोस्टिंग और नियुक्ति में अनियमितताओं के मामले में पहले ही 28 कर्मचारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिससे मंडल में हड़कंप मचा हुआ है।

CBI का सघन अभियान, गेस्ट हाउस बना ठिकाना
CBI की आठ सदस्यीय टीम ने इस बार मंडल रेल प्रबंधक (DRM) कार्यालय के ठीक सामने स्थित कंट्रक्शन गेस्ट हाउस को अपना ठिकाना बनाया है। साथ ही, DRM कार्यालय के पास एक कमरा खाली करवाकर उसकी साफ-सफाई कराई जा रही है, जहां सभी आरोपियों से पूछताछ होगी। जांच के लिए एक फोटो स्टेट मशीन भी लगाई गई है, जिससे ट्रांसफर, पोस्टिंग और नियुक्ति से जुड़ी फाइलों की छानबीन कर साक्ष्य एकत्र किए जाएंगे।
लखनऊ में नहीं मिली जानकारी, CBI ने लिया बड़ा फैसला
सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ में बैठी CBI टीम को पीडीडीयू मंडल से सही जानकारी और दस्तावेज नहीं मिल पा रहे थे। ईमेल के जरिए भेजे गए कागजात भी अधूरे थे, जिसके चलते CBI को खुद मौके पर आकर जांच का निर्णय लेना पड़ा। अब संदिग्ध कर्मचारियों और अधिकारियों को नोटिस जारी कर पूछताछ की जाएगी।
कैसे पकड़े गए आरोपी?
सूत्रों के अनुसार, लोको पायलटों की प्रमोशन परीक्षा में धांधली का खेल चल रहा था। रेलवे के कार्मिक विभाग के एक बाबू ने कुछ लोको पायलटों को पीडीडीयू के काली महाल स्थित राज मैरेज लॉन में ठहराया था। आरोप है कि वहां से परीक्षा में नकल करवाई गई और प्रमोशन के बदले मोटी रिश्वत ली गई।
इस साजिश में रेलवे के कार्मिक विभाग के बाबू संजय मिश्रा का नाम सामने आया है, जिन्होंने लॉन संचालक चुन्ना को फोन कर लोको पायलटों की ठहरने की व्यवस्था करने को कहा था। CBI को इस भ्रष्टाचार की भनक लगते ही इंस्पेक्टर विजय बहादुर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और 9 लोको पायलटों को हिरासत में ले लिया।
रेल मंडल में बढ़ती कार्रवाई, घोटाले की परतें खुलेंगी?
CBI की इस गहन जांच से साफ हो गया है कि रेल मंडल में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं। पहले हुई 28 गिरफ्तारियों के बाद अब जांच का दायरा और बढ़ाया जा रहा है। आगामी एक सप्ताह में इस घोटाले के और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
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