संवाददाता | दिसंबर 14, 2024
लखनऊ। यूपी प्रेस क्लब में पति कल्याण समिति द्वारा आयोजित एक विचार गोष्ठी में बेंगलुरु के 34 वर्षीय इंजीनियर अतुल सुभाष को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर समिति ने समाज में दहेज उत्पीड़न और झूठे मुकदमों के दुष्प्रभावों पर चर्चा करते हुए जागरूकता अभियान चलाने का संकल्प लिया।
गौरतलब है कि हाल ही में बेंगलुरु में अतुल सुभाष की आत्महत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। अतुल ने पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा, पत्नी के भाई अनुराग और चाचा सुशील पर दहेज उत्पीड़न, झूठे मुकदमे दर्ज कराने और आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे गंभीर आरोप लगाए। ये सभी आरोपी जौनपुर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।
कार्यक्रम में पति कल्याण समिति के संस्थापक वाई पी सिंह ने ऐसी घटनाओं को रोकने पर अपने विचार साझा किए।
इस गोष्ठी में श्री मुकुल जोशी, श्री शैलेन्द्र श्रीवास और श्रीमती रीना वर्मा जैसे कई अतिथियों ने अपने विचार रखे। कवि अनिल अनाड़ी ने अपनी मार्मिक कविता "कानून की जगह न की बम बनाईये" के माध्यम से न्याय व्यवस्था पर कटाक्ष किया।
कार्यक्रम का संचालन जिम्मी जैन जी ने कुशलता से किया, जबकि समिति के अध्यक्ष इंद्रजीत अरोरा जी ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
गोष्ठी के अंत में समिति ने निम्नलिखित सुझावों को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया:
झूठा केस लिखाने वालों को कोर्ट द्वारा स्वतः दोगुनी सजा दी जाए।
दोष सिद्ध होने से पहले गिरफ्तारी न हो।
जमानत के लिए एक अभियुक्त के लिए दो लोगों की बाध्यता समाप्त की जाए
समझौते के लिए धन के लेन-देन पर रोक लगाई जाए।
सक्षम महिलाओं को गुजारा भत्ता देने की अनिवार्यता समाप्त की जाए।
मुकदमों को महिला की इच्छा की जगह पर कानूनी रूप से घटना स्थल पर चलाया जाए।
गलत करने वाले पुलिस, वकील और जजों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही ही जाए।
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