नए सीजन से पहले गेहूं की कीमतों में भारी गिरावट, 650 रुपये क्विंटल सस्ता
- संवाददाता
- 29 मार्च
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संवाददाता | मार्च 29, 2025
कानपुर | उत्तर प्रदेश में गेहूं की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। 12 मार्च को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल बिकने वाला गेहूं अब घटकर 2,450 रुपये क्विंटल पर आ गया है। बीते 24 घंटे में ही 100 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है।

कीमतों में गिरावट का कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, कीमतों में गिरावट की प्रमुख वजहें हैं:
बड़े व्यापारियों द्वारा पुराने स्टॉक की बिक्री: पहले ऊंची कीमतों पर स्टॉक किए गए गेहूं को अब बाजार में उतारा जा रहा है।
नई फसल की आवक शुरू: खेतों में कटाई का सिलसिला धीरे-धीरे बढ़ रहा है, जिससे सप्लाई बढ़ने लगी है।
सरकार की स्टॉक सीमा नीति: 31 मार्च तक व्यापारियों को अधिकतम 250 टन गेहूं स्टॉक रखने की अनुमति है, और 1 अप्रैल से साप्ताहिक स्टॉक रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा।
बाजार का हाल
थोक मंडी (नौबस्ता, कानपुर): गेहूं का भाव 2,450 रुपये क्विंटल।
ग्रामीण प्राथमिक मंडियां: घाटमपुर, बिल्हौर और महाराजपुर में भाव 2,400 रुपये क्विंटल।
आटा: फुटकर बाजार में आटे की कीमत भी घटने की संभावना।
क्या आगे और गिरेगी कीमत?
अप्रैल में जब नई फसल पूरी तरह से कटकर बाजार में आएगी, तो कीमतों में और गिरावट संभव है।
हालांकि, अगर मौसम का असर पड़ा या अनाज का वजन घटा, तो उत्पादन कम हो सकता है, जिससे कीमतों में दोबारा उछाल आ सकता है।
विशेषज्ञों की राय:"गेहूं का समर्थन मूल्य 2,425 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन यदि मंडी में यह 2,350 रुपये तक गिरता है, तो किसान सरकारी क्रय केंद्रों पर बिक्री से बच सकते हैं।" - अजय बाजपेई, गेहूं आढ़ती
"अप्रैल के मध्य तक गेहूं पूरी तरह सूख जाएगा, जिससे बाजार में आवक तेज होगी और कीमतों में और गिरावट संभव है।" - ज्ञानेश मिश्र, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय कृषि उत्पाद उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल
फिलहाल गेहूं की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे किसानों और व्यापारियों में हलचल तेज हो गई है। नई फसल बाजार में आने के साथ ही आगे कीमतों में और बदलाव देखने को मिल सकता है।
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