संवाददाता | फरवरी 11, 2025
देहरादून। डिफेंस कॉलोनी की 'द सैनिक सहकारी आवास समिति' में बड़े पैमाने पर भूमि फर्जीवाड़ा सामने आया है। समिति के मूल लेआउट प्लान में हेरफेर कर 680 की जगह 726 प्लॉट तैयार कर बेचे गए। ओपन स्पेस, पार्क और सामुदायिक भूमि भी अवैध रूप से प्लॉटिंग कर बेची गई, जिससे 18,000 वर्गमीटर से अधिक सार्वजनिक भूमि पर कब्जा हो गया।

समिति के सदस्य सेवानिवृत्त कर्नल रमेश प्रसाद सिंह की शिकायत पर नेहरू कॉलोनी पुलिस ने 16 पूर्व सैन्य अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया है। आरोपियों में सेवानिवृत्त कर्नल, लेफ्टिनेंट कर्नल, कमांडेंट, स्क्वाड्रन लीडर और मेजर रैंक के अधिकारी शामिल हैं।
फर्जीवाड़े का खुलासा
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, 1967 में समिति का गठन पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की आवासीय जरूरतों के लिए हुआ था। प्रारंभिक स्वीकृत लेआउट प्लान में 680 प्लॉट थे, लेकिन समय के साथ पूर्व और वर्तमान पदाधिकारियों ने मनमाने तरीके से प्लॉट की संख्या बढ़ाकर 726 कर दी। सार्वजनिक उपयोग की जमीन भी बेची गई, जबकि गैर-सैन्य पृष्ठभूमि के लोगों को भी नियमों के विपरीत प्लॉट दिए गए।
मामले की जांच जारी
पुलिस ने घोटाले में मोटी रकम के हेरफेर की आशंका जताई है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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