देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करने वाला सिपाही निलंबित, एसएसपी ने दिए विभागीय जांच के आदेश
- संवाददाता
- 22 मार्च
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संवाददाता | मार्च 22, 2025
गोरखपुर। सोशल मीडिया पर देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले गुलरिहा थाने के सिपाही शिवजी प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल निलंबन का आदेश दिया और विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो बना कार्रवाई की वजह
तीन दिन पहले एक 1 मिनट 18 सेकंड का ऑडियो क्लिप इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें कुछ लोग राम, राम मंदिर और भगवान कृष्ण को लेकर बातचीत कर रहे थे। इसमें एक व्यक्ति देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करता सुनाई दिया। मामला तूल पकड़ने पर छानबीन हुई, तो पता चला कि यह गुलरिहा थाने की मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी पर तैनात सिपाही शिवजी प्रसाद की आवाज है।
ऑडियो वायरल होते ही स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया और कई नागरिकों ने इसे पुलिस अधिकारियों तक पहुंचाया। मामला एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर तक पहुंचने के बाद उन्होंने तत्काल जांच कराई। जांच में सिपाही के बयान को अनुशासनहीनता और कर्तव्य में लापरवाही माना गया।
अनुशासनहीनता की पुष्टि, तत्काल निलंबन
जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि सिपाही ने पुलिस आचरण नियमों का उल्लंघन किया और धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग किया। इसके बाद एसएसपी ने उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए।
पुलिस महकमे में हड़कंप, सख्त निर्देश जारी
इस घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने सभी पुलिसकर्मियों को अनुशासन बनाए रखने और धार्मिक विषयों पर संवेदनशीलता बरतने की सख्त हिदायत दी है।
एसपी के फर्जी हस्ताक्षर कर मुंशी ने दाखिल की चार्जशीट, निलंबित
गोरखपुर पुलिस विभाग में एक और बड़ा मामला सामने आया है। खजनी सीओ कार्यालय में तैनात विवेचना मुंशी शनि चौधरी को एसपी दक्षिणी जितेंद्र तोमर के फर्जी हस्ताक्षर कर चार्जशीट दाखिल करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया।
कैसे खुली फर्जीवाड़े की पोल?
खजनी थाने में छेड़खानी, मारपीट और दलित उत्पीड़न के एक मुकदमे की विवेचना चल रही थी। विवेचना पूरी होने के बाद चार्जशीट पर एसपी दक्षिणी के हस्ताक्षर होने थे, लेकिन मुंशी शनि चौधरी ने खुद ही एसपी के फर्जी हस्ताक्षर कर दिए और चार्जशीट को कोर्ट भेज दिया।
कोर्ट में जब पेशकार ने दस्तावेज की जांच की, तो हस्ताक्षरों पर संदेह हुआ और उसने चार्जशीट वापस कर एसपी दक्षिणी को सूचना दी। जांच में खुलासा हुआ कि चार्जशीट पर एसपी के असली हस्ताक्षर थे ही नहीं और सीओ कार्यालय से फाइल भेजी ही नहीं गई थी।
फर्जीवाड़े की पुष्टि, एसएसपी ने दिया निलंबन का आदेश
मामले की पूरी जांच के बाद एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने गुरुवार शाम मुंशी शनि चौधरी को निलंबित कर दिया और खजनी थाने में जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया।
गोरखपुर पुलिस विभाग में एक ही दिन में दो बड़े मामलों में अनुशासनहीनता और कर्तव्य लापरवाही उजागर हुई। एसएसपी ने दोनों मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए सख्त संदेश दिया है कि पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता और फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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