डिजिटल क्रांति: उत्तराखंड सचिवालय में अब फाइलों की जगह एक क्लिक पर मिलेगी पूरी जानकारी
- ब्यूरो
- 9 मई
- 2 मिनट पठन

अब उत्तराखंड सचिवालय में किसी भी जानकारी के लिए फाइलों को ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डिजिटल उत्तराखंड नामक अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म की शुरुआत हो चुकी है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से राज्य के प्रशासनिक कार्यों को पूरी तरह डिजिटल बना रहा है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से अधिकारी और आम नागरिक एक ही जगह से विभागीय जानकारी, बजट, शिकायतें, कोर्ट मामलों और बैठकों की स्थिति की निगरानी कर सकेंगे।
एक प्लेटफॉर्म, अनेक समाधान
https://digital.uk.gov.in/ पर उपलब्ध इस सिस्टम में इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (IFMS) को भी शामिल किया गया है। इससे अधिकारी विभिन्न विभागों को मिले बजट और बीते तीन वर्षों के खर्च का विश्लेषण कर पाएंगे, जिससे आने वाले वित्तीय वर्षों की योजना बेहतर बनाई जा सकेगी।
ई-ऑफिस और ई-कैबिनेट को भी इस प्लेटफॉर्म से जोड़ दिया गया है, जिससे सचिव और उच्च अधिकारी देख सकेंगे कि किस अधिकारी के पास कितनी फाइलें लंबित हैं और कितने समय से अटकी हैं। जैसे ही कोई फाइल आगे बढ़ती है, उसकी जानकारी रीयल टाइम में अपडेट हो जाती है।
शिकायतें, घोषणाएं और अदालतें – सब कुछ एक क्लिक पर
आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल के अनुसार, सीएम हेल्पलाइन 1905 और सीपी ग्राम से आने वाली शिकायतें भी इसी पोर्टल पर दिखाई देंगी। अधिकारी इन्हें पढ़कर तुरंत समाधान की दिशा में कार्य कर सकेंगे। साथ ही, मुख्यमंत्री की घोषणाओं की प्रगति की निगरानी भी अब इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से संभव है।
राज्य सरकार की "अपुणि सरकार" के अंतर्गत दी जाने वाली सेवाएं भी यहां आम जनता के लिए उपलब्ध कराई गई हैं। अधिकारी आपस में ई-मीटिंग तय कर सकेंगे, मैसेज भेज सकेंगे और सभी अदालती मामलों की तिथि व रिमाइंडर भी इस पोर्टल पर दिखेंगे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शक्ति
डिजिटल उत्तराखंड में शामिल की गई AI सुविधाएं इसे खास बनाती हैं।
AI सारांश: लंबी रिपोर्टों या दस्तावेजों का सारांश कुछ ही क्षणों में मिल जाएगा।
AI पाणिनी: मल्टी-लैंग्वेज ट्रांसलेशन में दक्ष यह टूल विभिन्न भाषाओं में अनुवाद सटीकता से कर सकता है।
भाषिणी: स्पीच-टू-टेक्स्ट और टेक्स्ट-टू-स्पीच जैसी सुविधाएं अधिकारी और नागरिकों के लिए संवाद को सरल बनाएंगी।
सुरक्षित और पारदर्शी प्रशासन
आईटी सचिव नितेश झा ने बताया कि यह प्लेटफॉर्म सुरक्षित लॉगिन के साथ सभी उपयोगकर्ताओं को अत्याधुनिक तकनीक प्रदान करता है। इससे राज्य में ई-गवर्नेंस की नई दिशा तय होगी, जहां पारदर्शिता, जवाबदेही और कार्यदक्षता को प्राथमिकता दी गई है।
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