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जेल में बंद दलाल निकांत जैन के खिलाफ मेरठ और लखनऊ में भी धोखाधड़ी के मामले दर्ज

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    संवाददाता
  • 21 मार्च
  • 2 मिनट पठन

संवाददाता | मार्च 21, 2025


लखनऊ। उद्यमियों से कमीशन मांगने के आरोप में जेल भेजे गए दलाल निकांत जैन का आपराधिक इतिहास पहले से ही विवादों से घिरा रहा है। मेरठ और लखनऊ में उनके खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के गंभीर मामले दर्ज हैं।

 दलाल निकांत जैन 

मेरठ की त्रिधा ऑयल सेंटर की संचालक शालू चौधरी ने निकांत जैन और उनके भाई सुकांत जैन के खिलाफ कंकरखेड़ा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि उनकी कंपनी एसएसजे एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड ने घटिया गुणवत्ता का सुपर केरोसिन ऑयल सप्लाई किया था। जब शालू चौधरी और उनके पति ने एडवांस की गई रकम वापस मांगी, तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। इस मामले में 2018 में धोखाधड़ी और हत्या की धमकी का केस दर्ज हुआ था।


लखनऊ में 50 लाख के फर्जी चेक का मामला

2019 में लखनऊ के वजीरगंज थाना क्षेत्र में निकांत जैन पर 50 लाख रुपये के फर्जी चेक से जमीन खरीदने का आरोप लगा था। इस मामले में IPC की धारा 420, 406 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। हालांकि, सजा दस साल से कम होने के कारण उन्हें आसानी से जमानत मिल गई थी और पुलिस चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है।


मेरठ से लखनऊ तक ठेकेदारी और बिल्डिंग कारोबार का सफर

निकांत जैन का परिवार मूल रूप से मेरठ के शांतिनगर कॉलोनी का निवासी है। उनके पिता स्व. सुधीर जैन पहले मेरठ में शीरे का कारोबार करते थे। बाद में लखनऊ जाकर उन्होंने सरकारी विभागों में ठेकेदारी का काम शुरू किया। पिता की मृत्यु के बाद निकांत ने कारोबार संभाल लिया और बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का बिजनेस शुरू किया।


निकांत की गिरफ्तारी के बाद अब मेरठ, लखनऊ और एटा की पुलिस उनके पुराने आपराधिक रिकॉर्ड की छानबीन कर रही है।



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