विनोद यादव
सुरम्य पोस्ट | नवम्बर 10, 2024
काली मिर्च एक ऐसा मसाला है जो स्वाद के साथ ही औषधिय गुणों से भी भरपूर है। इसे सलाद, कटे फल या दाल शाक पर बुरक कर उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग घरेलु इलाज में भी किया जा सकता है। काली मिर्च खाने के बड़े ही फायदे हैं, (ब्लैक पेपर) के कई घरेलू नुस्खे और उपाय हैं, जिससे आपको कई बीमारियो और समस्याओं में बहुत लाभ मिलता हैं।
काली मिर्च के 30 अद्भुत फ़ायदे
काली मिर्च के अंदर ऐसे गुण होते है जो शरीर में जमा वसा को उखाड़ने का काम करते है जिससे शरीर का मोटापा तेजी से कम होने लगता है। इसीलिए मोटे व्यक्ति को जो तरह तरह के उपाय करने के बाद भी अपना वजन कम नहीं कर पाते उन्हें सुबह सुबह काली मिर्च का सेवन जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से तेजी से वजन कम होने लगता है।
आधे सिर का वह दर्द जो की सूर्य उदय के साथ होता हो, इसमें काली मिर्च के 10 दाने और 2 चम्मच मिश्री को पीसकर सुबह सूर्यौदय से पहले फांक लेने से लाभ होता हैं।
उम्र बढ़ने के साथ ही होने वाला गठिया रोग काली मिर्च का इस्तेमाल बहुत ही फयदेमंद होता हैं। इसे तिल के तेल में जलने तक गरम करे। उसके बाद इस तेल को ठंडा होने पर दर्द वाली जगह आदि पर लगाए आपको बहुत ही आराम मिलेगा।
काली मिर्च का सेवन करके हम अपने जोड़ों के दर्द में राहत पा सकते है इसीलिए जिनको भी दर्द की समस्या हो उनको सुबह सुबह काली मिर्च का सेवन जरूर करना चाहिए।
30 ग्राम मक्खन या एक चम्मच घी में आटा काली मिर्च और शक्कर मिलाकर रोजाना चाटने से स्मरण शक्ति बढ़ती हैं। मस्तिष्क में तरावट आती हैं और बुद्धि प्रखर होती है। कमजोरी दूर होती हैं।
काली मिर्च में एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो कि कैंसर से शरीर को दूर रखते हैं। तो जिस भी व्यक्ति को कैंसर से बचाव करना है तो उसे काली मिर्च का सेवन जरूर करना चाहिए।
पेट दर्द का कारण सिर्फ़ खराब ख़ान-पान ही नही होता हैं, बल्कि कीड़े भी इसकी वजह हो सकते हैं। इससे भूख कम लगती हैं और वजन तेज़ी के साथ घटने लगता हैं। इन्हे दूर करने के लिए चम्मच में काली मिर्च का पाउडर लेकर पानी में मिलाए और पिए इसके अलावा काली मिर्च को किशमिश के साथ मिला कर खाने से भी पेट के कीड़े दूर होते हैं।
त्वचा पर कहीं भी फुंसी उठने पर, काली मिर्च पानी के साथ पत्थर पर घिस कर अनामिका अंगुली से सिर्फ फुंसी पर लगाने से फुंसी बैठ जाती है।
काली मिर्च को सुई से छेद कर दीये की लौ से जलाएं। जब धुआं उठे तो इस धुएं को नाक से अंदर खीच लें। इस प्रयोग से सिर दर्द ठीक हो जाता है। हिचकी चलना भी बंद हो जाती है।
ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करें।
काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट पीस कर मिला लें। इसे सुबह शाम पानी के साथ फाँक लें। बावासीर रोग में लाभ होता है।
आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
काली मिर्च 20 ग्राम, सोंठ पीपल, जीरा व सेंधा नमक सब 10-10 ग्राम मात्रा में पीस कर मिला लें। भोजन के बाद आधा चम्मच चूर्ण थोड़े से जल के साथ फांकने से मंदाग्रि दूर हो जाती है।
शहद में पिसी काली मिर्च मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से खांसी बंद हो जाती है।
काली मिर्च में मौजूद पाईपरिन नामक तत्व कीटाणुनाशक होता हैं। यह मलेरिया और वायरस जैसे ज्वरो के विषाणुओं को नष्ट कर देता हैं। 60 ग्राम पीसी हुई काली मिर्च 2 ग्लास पानी में इतना उबालें की आधा ग्लास पानी रह जाये फिर इसे छानकर हर 4 घंटे से उसके 3 भाग करके पियें। इससे मलेरिया बुखार ठीक हो जाता हैं।
सिर में डेंड्रफ और खुजली के वजह से बाल गिरते हो तो काली मिर्च, प्याज, नमक सबको पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं। बालो का झड़ना बंद हो जायेगा।
अगर बाल सफ़ेद हो गए हो तो 10 काली मिर्च रोजाना सुबह भूखे पेट और शामको चबाकर निगल जाएं। यह प्रयोग कम से कम एक साल से ज्यादा करें। यह आजमाया हुआ प्रयोग हैं। काली मिर्च मीठे तेल, (तिल का तेल) मिलाकर लगाएं तो और अधिक लाभ होगा।
काली मिर्च और फिटकरी समान मात्रा में बारीक पीसकर मिला लें। थोड़ा सा पाउडर लेकर पानी डालकर पेस्ट बनाकर तिनके की रुई लगाकर फुरेरी से मस्सों पर रोजाना दिन में 3 बार लगाएं। मस्से हट जायेंगे।
हरे पुदीना के 30 पत्ती 2-2 चम्मच सौंफ और मिश्री, 5 काली मिर्च सब में पानी डालकर पीसकर एक कप गर्म पानी में घोलकर छानकर पिने से हिचकी बंद हो जाएगी।
यह पाचनशक्ति बढ़ाती हैं। एक काली मिर्च, जीरा, सेंधा नमक, सोडा, पीपल सब समान भाग में लेकर पीस लें, खाना खाने के बाद आधा चम्मच पानी से 2 बार लें। खाना अच्छी तरह से पचेगा हजम होगा।
5 ग्राम काली मिर्च पीसकर आधा चम्मच गाय के घी के साथ लेने से सब तरह की खुजली और विष का प्रभाव दूर हो जाता हैं। गुहेरी, बाल तोड़, फोड़े भी ठीक हो जाते हैं।
कुत्ते के काटने पर प्राथमिक उपचार के तोर पर काली मिर्च पीसकर घाव पर भुरक दें और फिर डॉकटर को भी दिखा दें। ऐसा करने से जहर का प्रभाव कम हो जायेगा।
12 काली मिर्च कूटकर घी में तलें। घी नितारकर इसमें गेहूं का आटा सेंक कर गुड या शकर डालकर हलुआ बनाकर उसमें तली हुई काली मिर्च डालकर सुबह शाम भोजन से पहले खाएं। चक्कर आना बंद हो जायेगा।
20 काली मिर्च गुलाबजल में पीसकर रात को चेहरे पर लगाएं और सुबह गर्म पानी से धोयें। इससे कील मुंहासे झूरिया साफ़ होकर चेहरा साफ़ होने लगता हैं।
10 काली मिर्च पीसकर एक ग्लास दूध में उबालकर मीठा डालकर पिने से पेट दर्द में लाभ होता हैं।
10 काली मिर्च कूटकर एक ग्लास पानी में उबालकर गरारे करने से गला साफ़ हो जाता हैं, गले का दर्द, दांत दर्द, संक्रमण दूर हो जाता हैं।
नैत्रज्योतिवर्धक (आंखों की रोशनी बढ़ाना) : काली मिर्च नैत्रज्योति बढ़ाती हैं, घी काली मिर्च, मिश्री मिलाकर चाटें।
काली मिर्च स्वाद की कलिका को उत्तेजित करता है और पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड के स्राव को बढ़ाता है, जिसका प्रतिफल बेहतर और स्वस्थ पाचन है। इसीलिए कमजोर पाचक शक्ति वाले व्यक्ति को सुबह खाली पेट 4 काली मिर्च का सेवन जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से शरीर में पाचक क्रिया तेज होती है।
काली मिर्च अलम्पित्त को ख़त्म करती हैं। 5 काली मिर्च का पाउडर प्याज और निम्बू का रस एक-एक चम्मच तीनो। तिन चम्मच पानी में मिलाकर एक बार रोजाना सुबह पियें।
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