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जनें माइग्रेन के लक्षण और कारण

विनोद यादव | नवंबर 28, 2024


भारत में 2 करोड़ से अधिक लोग माइग्रेन से पीड़ित हैं। माइग्रेन एक तेज सिरदर्द से भी कहीं अधिक है, इसे हाल ही में तंत्रिका मार्गों और मस्तिष्क रसायनों से जुड़े एक न्यूरोलॉजिकल विकार के रूप में पहचाना गया है।


माइग्रेन

माइग्रेन के लक्षण


माइग्रेन का अनुभव अलग-अलग तरह से होता है , यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन इससे गुजर रहा है, लक्षणों की एक सूची:

  • मूड का बदलना

  • कब्ज

  • थकान

  • बार-बार उबासी आना

  • सिरदर्द और गर्दन में अकड़न

  • प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता

  • मतली एवं उल्टी


माइग्रेन के कारण


माइग्रेन के लिए संभावित फ़ूड ट्रिगर क्या हैं?


अपने भोजन के ट्रिगर्स को निर्धारित करने का सबसे अच्छा तरीका एक न्यूट्रिशनिस्ट के साथ मिलकर काम करना है जो विशेषज्ञता के साथ आपका मार्गदर्शन कर सकता है,


कुछ सामान्य फ़ूड ट्रिगर हैं

  • सॉल्टी, प्रोसेस्ड फ़ूड

  • अल्कोहल

  • कैफ़ीन

  • डेरी प्रोडक्ट

  • सोया सॉस

  • चॉकलेट

  • कम पानी

  • Histamine रिलीज़िंग फ़ूड जैसे केला, संतरा, बैरीज


अन्य ट्रिगर

  • तनाव

  • काम या घर पर तनाव माइग्रेन का कारण बन सकता है।

  • अनियमित भोजन का समय

  • लंबे समय तक भोजन का अंतराल या भोजन छोड़ना, मसालेदार भोजन करना ये सभी माइग्रेन को ट्रिगर करते हैं।

  • अनियमित नींद का पैटर्न

  • बहुत कम सोना या अधिक सोना कुछ लोगों में माइग्रेन का कारण बन सकता है।

  • मैग्नीशियम की कमी

  • मैग्नीशियम न्यूरोट्रांसमिशन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

  • यह माइग्रेन के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है और माइग्रेन के लिए एक प्राकृतिक उपचार है।

  • कुछ लोगों में माइग्रेन का कारण मैग्नीशियम की कमी हो सकती है।

  • महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन।एस्ट्रोजन में उतार-चढ़ाव, जैसे मासिक धर्म से पहले/उस दौरान, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति, कई महिलाओं में सिरदर्द का कारण बनते हैं।

  • Oral गर्भ निरोधकों जैसी हार्मोनल दवाएं भी माइग्रेन को खराब कर सकती हैं।


Lifestyle एवं food मैनेजमेंट, निष्कर्ष


माइग्रेन का दर्द व्यक्ति के लिए अनोखा होता है, इसलिए अपने स्वयं के भोजन ट्रिगर और अपनी जीवनशैली में उन चीजों को ढूंढना अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है जिन्हें आप नियंत्रित कर सकते हैं और रोकथाम के लिए प्रबंधन कर सकते हैं।


आज के इस दौर में हमें कई तरह की बीमारियों के बारे में सुनने को मिल रहा है। उन्हीं में से एक है माइग्रेन या अधकपारी। आपने सिरदर्द के बारे में तो सुना ही होगा। मुमकिन है कि आपने अनुभव भी किया होगा। माइग्रेन एक ऐसी अवस्था है जिसमें इंसान को बार-बार गंभीर सिरदर्द का अहसास होता है। आमतौर पर इसका प्रभाव आधे सिर में देखने को मिलता है और दर्द आता-जाता रहता है। हांलाकि कई लोगों में यह दर्द पूरे सिर में भी होता है। माइग्रेन साधारण सिरदर्द से हटकर एक विशेष तरह का सिरदर्द है और इससे पूरी दुनिया में कई लोग पीड़ित हैं। ऐसा हो सकता है कि लोग इसे आम सिरदर्द समझकर नज़रअंदाज कर दें। लेकिन ध्यान रहे, अगर आपको बार-बार इस तरह का दर्द होता है तो आप ज़रूर किसी अच्छे डाॅक्टर से सलाह लें।


माइग्रेन से जुड़े कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदु:


  1. इस तरह की परेशानी पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में ज़्यादा देखने को मिलती है। इसके अलावा यह बीमारी बच्चों में भी पाई जाती है।

  2. आमतौर पर इसका असर कुछ घंटों तक होता है लेकिन यह कुछ दिन तक भी रह सकता है।

  3. काफी लोगों में उम्र बढ़ने के साथ ही इसका प्रभाव कम होने लग जाता है।


माइग्रेन के प्रकार


माइग्रेन भी विभिन्न प्रकार का होता है।


  1. दृष्टि संबंधी माइग्रेन - इसे आप क्लासिकल माइग्रेन के नाम से भी समझ सकते हैं। ऐसी अवस्था में आंखों से संबंधित परेशानियां, जैसे रोशनी में चकाचैंध या रोशनी में काले धब्बे की दिक्कतें आ सकती हैं।


  1. दृष्टि रहित माइग्रेन - इस तरह के माइग्रेन को काॅमन माइग्रेन भी कहा जाता है। तेज़ सिरदर्द के साथ ही लोगों को कुछ परेशानियां होती हैं, जैसे कि उल्टी आना, मूड स्विंग, आदि।


  1. क्राॅनिक माइग्रेन - इस तरह के माइग्रेन की शिकायत उन लोगों में ज़्यादा पाई जाती है जो दवाईयों का अधिक सेवन करते हैं। क्राॅनिक माइग्रेन को मिश्रित सिरदर्द भी कहा जाता है क्योंकि इसमें माइग्रेन और तनावपूर्ण सिरदर्द के टिशू की उपस्थिति होती है


  1. ऑप्टिकल माइग्रेन- इसे आई माइग्रेन के नाम से भी जाना जाता है जिसका किसी एक आंख पर असर दिखाई देता है। इस तरह के माइग्रेन में आंख खराब होने की आशंका रहती है। इसलिए ज़रूरी है कि जल्द से जल्द मेडिकल सहायता ली जाए।


सिरदर्द और माइग्रेन में अंतर


कई बार हमें हल्के से मध्यम रूपी सिरदर्द होता है। इसकी वजह है सिर और गर्दन के बीच की मांसपेशियों का संकुचन। सामान्य तौर पर सिरदर्द कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक रह सकता है। कुछ मामले ऐसे भी होते हैं जहां इंसान को कई दिनों तक भी सिरदर्द की परेशानी रहती है।

लेकिन अगर बात की जाए माइग्रेन की, इसका असर मध्यम से लेकर गंभीर होता है। कभी-कभी तो इसका असर इतना बढ़ जाता है कि इंसान कुछ समय के लिए अपना दैनिक कार्य भी ढंग से नहीं कर पाता। जब किसी को सिरदर्द की समस्या होती है, तो उसके साथ कोई चेतावनी के संकेत नहीं होते हैं। वहीं दूसरी ओर, माइग्रेन में औरा जैसे कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ऐसा कम ही होता है कि नींद के दौरान आपको साधारण सिरदर्द हो, लेकिन अगर बात की जाए माइग्रेन की, तो यह आमतौर पर नींद के दौरान ही शुरू होता है।

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