ब्यूरो | फरवरी 8, 2025
देहरादून। उत्तराखंड में जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग जनसहयोग की ताकत का उपयोग करेगा। सरकार ने वन ग्राम, पंचायतों, महिला और युवक मंगल दलों को फायर अलर्ट सिस्टम से जोड़ने का फैसला लिया है, ताकि आग लगते ही तुरंत नियंत्रण के प्रयास किए जा सकें।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने हाल ही में अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्राम वन प्रबंधन समितियों, वन पंचायतों और स्थानीय निकायों को सक्रिय रूप से इस अभियान में शामिल किया जाए। इसी के तहत 5000 से अधिक फायर वॉचरों की तैनाती की जा रही है और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
राज्य में अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर, पौड़ी, टिहरी और उत्तरकाशी वनाग्नि के लिहाज से सबसे संवेदनशील हैं, जहां चीड़ के जंगल ज्यादा हैं। वन विभाग ने इन इलाकों में विशेष सतर्कता बरतने का फैसला लिया है।
उत्तराखंड में हर साल गर्मियों में जंगलों में आग से बड़ी वन संपदा नष्ट होती है। ऐसे में इस बार वन विभाग ने स्थानीय समुदायों को शामिल कर वन संरक्षण को एक जन आंदोलन का रूप देने की योजना बनाई है।
Comments