विनोद यादव | नवंबर 25, 2024
काली खांसी एक ऐसी संक्रामक बीमारी है जो श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है। यह बोर्डेटेला पर्टुसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। इस बीमारी में तेज और अनियंत्रित खांसी होती है जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो बीमारी का संचरण श्वसन बूंदों के माध्यम से होता है।

काली खांसी के लक्षणों में शामिल हैं:
तेज और लगातार खांसी
खांसी के बाद सांस लेने में कठिनाई
उल्टी
थकान
नीले होठ और नाखून
काली खांसी का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। यह बीमारी खासकर बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है, इसलिए समय पर इलाज करवाना जरूरी है।
काली खांसी से बचाव के घरेलू उपाय
सुहागा, कलमीशोरा, फिटकरी, काला नमक और यवक्षार को पीसकर चूर्ण तैयार कर लें। इसे तवे पर भूनकर 2-2 ग्राम की मात्रा में शहद को मिलाकर बच्चों को चटाने से कालीखांसी दूर हो जाती है। इसके अलावा तवे पर भुना हुआ सुहागा व वंशलोचन को मिलाकर शहद के साथ रोगी बच्चे को चटाने से भी कालीखांसी दूर होती है।
पीपल, काकड़ासिंगी, अतीस और बहेड़ा सभी औषधियों को 20-20 ग्राम की मात्रा में लेकर बारीक कूट-पीसकर चूर्ण तैयार कर लें। इसमें 10 ग्राम नौसादर, 10 ग्राम भुना हुआ सुहागा मिलाकर पीस लें। इसके 3 ग्राम चूर्ण को दिन में 2-3 बार चाटने से काली खांसी दूर हो जाती है।
अड़ूसा के सूखे पत्तों को मिट्टी के बर्तन में रखकर, आग पर गर्म करके उसकी राख को तैयार कर लें। उस राख को 24 से 36 ग्राम तक की मात्रा में लेकर शहद के साथ रोगी को चटाने से कालीखांसी दूर हो जाती है।
मूली का 50 मिलीलीटर रस और गन्ने का रस मिलाकर दिन में 2 बार पिलाने से कुकर खांसी में लाभ मिलता है।
3 मिलीलीटर नारियल का तेल हल्का गर्म करके बच्चे को पिलाने से खांसी का प्रकोप कम हो जाता है। नारियल की जटा की भस्म करके लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग शहद में मिलाकर या पानी से खाएं। इससे 2-3 बार में ही खांसी का वेग व खांसी खत्म हो जाती है।
अदरक के रस को शहद में मिलाकर 2-3 बार चाटने से काली खांसी का असर खत्म हो जाता है।
3 बादाम रात को पानी में डालकर रख दें। सुबह उठकर बादाम के छिलके उतारकर लहसुन की एक कली और मिश्री के साथ मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण को बच्चों को खिलाने से काली खांसी दूर हो जाती है।
बच्चों को कुकर खांसी होने पर लहसुन की माला पहनाते हैं जिससे इसकी गंध खांसने के साथ-साथ अन्दर चली जाती है और इसी का रस आधा चम्मच शहद के साथ भी पिलाएं। इससे काली खांसी दूर हो जाती है। दस बूंद या एक चम्मच लहसुन का रस (उम्र के अनुसार) शहद मिलाकर प्रतिदिन दो-तीन बार सेवन करने से खूब लाभ मिलता है।
तवे को आग पर रखकर लौंग को भून लें, फिर उस लौंग को पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से काली खांसी ठीक हो जाती है। बच्चों को काली खांसी में एक चौथाई ग्राम से कम गोलोचन को सुबह-शाम शहद के साथ चटाने से लाभ मिलता है।
तुलसी के पत्तों के 3 ग्राम रस में शहद मिलाकर चाटने से कालीखांसी में बहुत अधिक लाभ मिलता है।
तुलसी के पत्ते और कालीमिर्च समान मात्रा में पीस लें। इसकी मूंग के बराबर की गोलियां बना लें। एक-एक गोली को चार बार देना चाहिए। इससे काली खांसी नष्ट हो जाती है।
काली खांसी होने पर बच्चों को बिस्तर पर सुलाने से पहले उसके सीने और कमर पर कपूर को तेल में मिलाकर मालिश करें, काली खांसी बन्द हो जाएगी।
हल्दी की 3-4 गांठों को तोड़कर तवे पर भूनें और पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 3-3 ग्राम सुबह-शाम पानी से लेने से कालीखांसी में आराम आता है
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