संवाददाता | मार्च 13, 2025
कानपुर: उत्तर प्रदेश में बिजली सुधारों को गति देते हुए कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (केस्को) ने अपने 1400 कर्मचारियों के घरों में 31 मार्च तक स्मार्ट मीटर लगाने का अभियान शुरू कर दिया है। इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है, क्योंकि इससे अब तक फिक्स चार्ज पर अनलिमिटेड बिजली की सुविधा का लाभ ले रहे कर्मचारियों को वास्तविक बिल चुकाना पड़ेगा। विरोध के बावजूद केस्को प्रबंधन ने साफ किया है कि जो कर्मचारी स्मार्ट मीटर नहीं लगवाएंगे, उनकी सैलरी रोक दी जाएगी।

विरोध में उतरे कर्मचारी, सैलरी रोकने की चेतावनी
केस्को संयुक्त कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष विजय त्रिपाठी ने इस कदम का विरोध किया है। उनका कहना है कि रेलवे और रोडवेज की तरह केस्को कर्मचारियों को भी फिक्स चार्ज पर बिजली की सुविधा विभागीय सेवा शर्तों के अनुसार दी गई थी, जिसे अब खत्म किया जा रहा है। संगठन का दावा है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद कर्मचारियों को बिजली का बिल चुकाना पड़ेगा, जिससे उनके मासिक खर्चों में बढ़ोतरी होगी।
फिक्स चार्ज पर मिलती थी अनलिमिटेड बिजली, अब लगेगा हिसाब
अब तक केस्को के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी मात्र 417 रुपये प्रतिमाह देकर अनलिमिटेड बिजली इस्तेमाल कर सकते थे, जबकि अधीक्षण अभियंता से अवर अभियंता तक के अधिकारियों को 890 से 1560 रुपये तक का फिक्स चार्ज देना पड़ता था। घर में एसी लगाने पर भी केवल 650 रुपये प्रतिमाह देना होता था। स्मार्ट मीटर लगने के बाद हर यूनिट का हिसाब रखा जाएगा और वास्तविक उपभोग के आधार पर भुगतान करना होगा।
2027 तक 7 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य
केस्को के प्रबंध निदेशक सैमुअल पान एन के अनुसार, 2027 तक कानपुर में 7 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। पहले चरण में 31 मार्च तक सभी केस्को अधिकारियों, इंजीनियरों और कर्मचारियों के घरों में स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे। इसके बाद सरकारी कार्यालयों में भी 4G पोस्टपेड स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरू होगा।
582 करोड़ रुपये के बजट से हो रही स्मार्ट मीटरिंग
केस्को 582 करोड़ रुपये के बजट के तहत एडवांस मीटरिंग इंफ्राटेक्चर प्रोवाइडर (AMISP) योजना के जरिए शहरभर में स्मार्ट मीटर स्थापित कर रहा है। इससे बिजली की बर्बादी पर रोक लगेगी और उपभोक्ताओं की खपत का सटीक आंकलन किया जा सकेगा।
हालांकि, कर्मचारी संगठन इस फैसले को लेकर विरोध कर रहा है, लेकिन केस्को प्रबंधन अपने निर्णय पर अडिग है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला क्या रुख अख्तियार करता है।
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