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उत्तर प्रदेश में बिजली संकट पर सियासत गरम, भाजपा विधायक से लेकर विपक्ष तक हुए हमलावर

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    ब्यूरो
  • 3 जून
  • 2 मिनट पठन



उत्तर प्रदेश में बिजली आपूर्ति को लेकर राज्य सरकार के दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं। जहां एक ओर ऊर्जा विभाग 24 घंटे बिजली देने का दावा कर रहा है, वहीं खुद भाजपा के विधायक और विपक्ष के नेता इस व्यवस्था को लेकर खुलकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।

भाजपा विधायक का आरोप: 15 दिन से अंधेरे में इलाके बुलंदशहर के सिकंदराबाद से भाजपा विधायक लक्ष्मीराज सिंह ने ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सिकंदराबाद, गुलावठी नगर, ककोड़ समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों में पिछले 15 दिनों से बिजली आपूर्ति ठप है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्यूबवेल बंद पड़े हैं और बिजली विभाग के अधिकारी फोन तक नहीं उठाते। विधायक ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

सपा विधायक ने दिया धरना, अयोध्या में 21 घंटे गुल रही बिजली वहीं, सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान ने भी सोमवार को बिजली कटौती के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक का घेराव किया। दूसरी ओर, अयोध्या में रविवार को 21 घंटे तक बिजली नहीं आने से लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।

ऊर्जा विभाग का दावा: सभी जगह तय रोस्टर से ज्यादा बिजली ऊर्जा विभाग का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 18 घंटे, तहसील मुख्यालयों पर 21.30 घंटे और जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे बिजली दी जा रही है। विभाग के अनुसार ट्रांसफॉर्मर बदलने और तकनीकी समस्याएं दूर करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

किसानों की दुर्दशा पर उठे सवाल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने आरोप लगाया कि पूर्वांचल और मध्य यूपी के ग्रामीण इलाकों में केवल 3–4 घंटे ही बिजली मिल रही है। पंपसेट न चलने से किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे और सब्जियां सूख रही हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “किसान आंसू बहा रहे हैं और ऊर्जा मंत्री चैन की बंशी बजा रहे हैं।”

अखिलेश यादव का वार: न बिजली उत्पादन बढ़ा, न व्यवस्था सुधरी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सरकार को घेरते हुए कहा कि भाजपा शासन में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। न कोई नया पॉवर प्लांट लगाया गया और न ही पारेषण व्यवस्था में सुधार हुआ। उन्होंने अघोषित बिजली कटौती को लेकर जनता की परेशानी की बात कही।

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