ब्यूरो | जनवरी 30, 2025
उत्तराखंड | उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद विवाह, विवाह-विच्छेद और वसीयत के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो गया है। अब तक 278 लोगों ने पोर्टल पर आवेदन किया है, जिनमें से 19 को पहले स्तर पर स्वीकृति मिल चुकी है। सरकार ने पंजीकरण प्रक्रिया की निगरानी के लिए आईटीडीए को निर्देश दिए हैं।

प्रदेश में चार स्तरों पर पंजीकरण की व्यवस्था की गई है—ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, नगर निकायों में अधिशासी अधिकारी, नगर निगमों में कर अधीक्षक और कैंट क्षेत्र में मुख्य अधिशासी अधिकारी को रजिस्ट्रार बनाया गया है। लिव-इन रिलेशनशिप के मामले सीधे रजिस्ट्रार के पास भेजे जाएंगे, जबकि अन्य आवेदन सब-रजिस्ट्रार देखेंगे। ऑनलाइन आवेदन कॉमन सर्विस सेंटर या UCC पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है।
सरकार के निर्देशों के अनुसार, 26 मार्च 2010 से संहिता लागू होने की तिथि के बीच हुए विवाहों का पंजीकरण छह महीने के भीतर कराना अनिवार्य होगा, जबकि संहिता लागू होने के बाद होने वाले विवाहों के लिए 60 दिनों के भीतर पंजीकरण आवश्यक होगा। लिव-इन रिलेशनशिप को भी एक महीने के भीतर पंजीकृत करना होगा। विवाह-विच्छेद या तलाक के मामलों में विवाह पंजीकरण और अदालत के आदेश की जानकारी देना अनिवार्य होगा।
यदि किसी अधिकारी द्वारा समय पर कार्रवाई नहीं की जाती है, तो आवेदक ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं और अस्वीकृति के खिलाफ 30 दिनों के भीतर अपील कर सकते हैं। UCC के तहत लागू किए गए इन प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सरकार लगातार प्रक्रिया की निगरानी कर रही है।
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