उत्तराखंड के युवाओं को जर्मनी और जापान में नौकरी का सुनहरा मौका, सेवायोजन विभाग ने शुरू की आवेदन प्रक्रिया
- ब्यूरो
- 26 मई
- 2 मिनट पठन

उत्तराखंड के आईटीआई, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा और डिग्रीधारक युवाओं के लिए विदेश में नौकरी पाने का मार्ग खुल गया है। मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना के तहत अब राज्य के युवा जर्मनी में नौकरी कर सकेंगे और हर महीने लगभग 2.5 लाख रुपये (2800 यूरो) तक कमा सकेंगे। इसके लिए राज्य के सेवायोजन एवं कौशल विकास विभाग ने आवेदन मांगे हैं।
इन योग्यताओं वाले युवा कर सकते हैं आवेदन:
ऑटोमोबाइल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या मेक्ट्रॉनिक्स में डिग्री या डिप्लोमा धारक
इलेक्ट्रिकल, मोटर मैकेनिक या ऑटोमोबाइल में दो वर्षीय आईटीआई कोर्स पास
साथ ही, उम्मीदवार के पास पैसेंजर कारों में तीन साल या व्यावसायिक वाहनों में दो साल का अनुभव होना जरूरी है।
जर्मन भाषा का प्रशिक्षण और सुविधाएं:
चयनित युवाओं को निशुल्क जर्मन भाषा का प्रशिक्षण मिलेगा।
निशुल्क रहने-खाने, वीजा और टिकट की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी।
कुल प्रशिक्षण लागत का 20% राज्य सरकार वहन करेगी।
स्किल लोन की सुविधा मिलेगी, जिसमें ब्याज का 75% राज्य सरकार देगी।
जापान में होटल मैनेजमेंट के युवाओं के लिए अवसर:
इस योजना के तहत होटल मैनेजमेंट में डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट धारक युवा भी जापान में रोजगार के लिए पात्र होंगे।पूर्व में 15 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया था, जिनमें से 13 ने जापानी भाषा का एन-4 स्तर पास किया और चार जापान में कार्यरत हैं।अब नए बैच के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं। चयन के बाद उम्मीदवारों को सहसपुर स्थित प्रशिक्षण संस्थान में जापानी भाषा की ट्रेनिंग निशुल्क दी जाएगी, साथ ही रहने-खाने की सुविधा भी सरकार देगी।
आवेदन कैसे करें:
विभाग की वेबसाइट uksds.uk.gov.in पर जाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।
इच्छुक उम्मीदवार अपना रिज़्यूमे विभाग की ईमेल आईडी mccsahaspur@gmail.com पर भेज सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 8875559750 पर संपर्क करें।
जापान के गवर्नर ने सराहा उत्तराखंड की युविका का कौशल
अब तक उत्तराखंड के 36 युवा जापान में रोजगार प्राप्त कर चुके हैं, जिनमें से 32 केयर गीवर और 4 होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में कार्यरत हैं।हाल ही में जापान के गवर्नर काजुहिको ओइगावा इन युवाओं से मिले।रुद्रपुर की युविका जायसवाल ने जापानी भाषा में उनसे संवाद किया, जिससे वे बेहद प्रभावित हुए।गवर्नर ने कहा कि भारत के युवाओं का भाषा कौशल चौंकाने वाला है और भविष्य में जापान में 10 से 30 प्रतिशत कर्मचारी विदेशी, विशेषकर भारतीय हो सकते हैं।
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