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उत्तराखंड के मदरसों में नई पहल: असेंबली और पाठ्यक्रम में शामिल होगा ऑपरेशन सिंदूर

  • लेखक की तस्वीर: संवाददाता
    संवाददाता
  • 22 मई
  • 1 मिनट पठन

उत्तराखंड के मदरसों में एक नई शैक्षणिक और राष्ट्रप्रेरणा से जुड़ी पहल की जा रही है। राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड ने निर्णय लिया है कि अब मदरसों की प्रार्थना सभा (असेंबली) में 'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। यही नहीं, इस विषय को बाकायदा पाठ्यक्रम का हिस्सा भी बनाया जाएगा ताकि छात्र इसकी ऐतिहासिक और प्रेरणादायक महत्ता को समझ सकें।

मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने जानकारी दी कि प्रदेश में पंजीकृत 450 मदरसों में इस पहल को लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जल्द ही बोर्ड के परिणाम घोषित होने वाले हैं और नया सत्र प्रारंभ होगा, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित पाठ्य सामग्री को छात्रों के लिए तैयार किया जा रहा है।

इसके लिए एक विशेष पाठ्यक्रम समिति गठित की जाएगी जिसमें शिक्षाविदों के साथ-साथ सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों की भी सहायता ली जाएगी। समिति द्वारा दो से तीन अध्याय तैयार किए जाएंगे, जिन्हें कक्षा में पढ़ाने के साथ-साथ प्रार्थना सभा में संवाद के माध्यम से भी प्रस्तुत किया जाएगा। इन अध्यायों के माध्यम से छात्र भारत की सैन्य शक्ति, बलिदान और साहस के प्रतीकों से परिचित होंगे।

मुफ्ती कासमी ने कहा कि जैसे उत्तराखंड ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की दिशा में पहला कदम उठाया, वैसे ही इस प्रकार की राष्ट्रप्रेरक शैक्षणिक पहल की शुरुआत भी यहां से हो रही है। उन्होंने सभी शैक्षणिक संस्थानों से अपील की कि वे भी ऑपरेशन सिंदूर जैसे विषयों को अपने पाठ्यक्रम में स्थान दें ताकि आने वाली पीढ़ी देशभक्ति और सैन्य इतिहास के गौरव से परिचित हो सके।

यह कदम न केवल देशप्रेम को बढ़ावा देगा, बल्कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को भी राष्ट्रीय सुरक्षा, बलिदान और इतिहास की समझ विकसित करने में सहायक होगा।

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