ब्यूरो | मार्च 12, 2025
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल स्थित जामा मस्जिद में बाहरी सफेदी कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को एक सप्ताह के भीतर यह कार्य पूरा करने के साथ-साथ समुचित लाइटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है, बशर्ते इससे ढांचे को कोई नुकसान न पहुंचे।
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने बुधवार को सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। इससे पहले, ASI ने सफेदी और मरम्मत की आवश्यकता से इनकार करते हुए केवल सफाई की अनुमति देने की बात कही थी। कोर्ट ने इस पर सफाई कार्य कराने का निर्देश दिया था।

कोर्ट के सख्त सवाल
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ASI और सरकार से कई अहम सवाल पूछे। कोर्ट ने जानना चाहा कि यदि मस्जिद कमेटी ने 1927 के करार का उल्लंघन किया है, तो करार को निरस्त करने का नोटिस क्यों नहीं जारी किया गया? साथ ही, जब ASI को राष्ट्रीय धरोहर के संरक्षण की जिम्मेदारी दी गई है, तो अधिकारियों ने अपनी ड्यूटी पूरी क्यों नहीं की? मस्जिद कमेटी बिना अनुमति के सफेदी कैसे कराती रही?
रमजान को लेकर दी गई थी याचिका
मस्जिद इंतेजामिया कमेटी ने रमजान के मद्देनजर सफेदी, मरम्मत और लाइटिंग की अनुमति के लिए ASI से अनुरोध किया था, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट
कोर्ट ने मामले में ASI की तीन सदस्यीय समिति से रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें कहा गया था कि केवल सफाई कराई जा सकती है, जबकि सफेदी और मरम्मत की आवश्यकता नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने सफाई की अनुमति दी थी और निर्देश दिया था कि यह कार्य ASI ही कराएगी।
मस्जिद कमेटी ने पिछली सुनवाई (10 मार्च) में अदालत को बताया कि ASI ने अपने हलफनामे में बाहरी सफेदी, मरम्मत और लाइटिंग को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। इस पर कोर्ट ने ASI से जवाब मांगा था।
मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी।\
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