top of page
Writer's pictureसंपादकीय

इन मोटे अनाजों को गेहूं में करें शामिल

उपासना यादव | नवंबर 16, 2024


स्वाद के साथ ही अब सेहत को लेकर जागरूकता बढ़ रही है| शहरी समाज अब गेंहू के आटा के साथ जौ, चना, मक्का और बाजरा के आटें पर भी जोर देने लगा है| पर आटा बनाने और बेचने वाली कंपनियां इसमें जो घोलमेल कर रही हैं उसे जरुर समझना चाहिए|


बाजार का पैकेट वाला मल्टीग्रेन आटा आपको वह सब भी खिला दे रहा है जिसकी आपको कोई जरुरत नहीं है| इसमें गेंहू का आटा और दूसरे आटा का अनुपात क्या हो यह भी ध्यान नहीं रखा जाता|

 
बाजरे की रोटी
 

गेंहू के आटा में दूसरे अन्न का आटा चौथाई हिस्से से ज्यादा न मिलाएं| सोयाबीन जैसे हाई प्रोटीन से बचे इसका आटा सभी को रास आ जाए यह जरुरी नहीं|

यूपी बिहार में लोग जौ और चने का आटा इस्तेमाल करते आ रहें है| पर पंजाब से जबसे सरसों का साग और मक्के की रोटी का प्रचलन बढ़ा है इससे मक्का भी खूब इस्तेमाल किया जाता है| मक्का का इस्तेमाल शुगर वालों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है|


उत्तर प्रदेश के अलग अलग छेत्रों में बाजरे का इस्तेमाल अब ज्यादा से ज्यादा होना शुरु हुआ है| आपको भी बाजरे की रोटी रोज नही तो कभी कभी तो पसंद आती जरूर होगी| तो इस बार ठंड में बाजरे की रोटी खाकर जरूर देखें| यह गेंहू की तुलना में ज्यादा सुपाच्य है| इसका सेवन करने से शरीर में फुर्ती के साथ साथ मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैग्नीज, ट्रिप्टोफेन, फास्फोरस, फाइबर आदि भी भरपूर मात्रा में मिलता है|


राजस्थान में यह काफी लोकप्रिय है| इसका आटा सानने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें| यह हाथ से बनाई जाने वाली रोटी है पर बेल सके तो जरुर बेल कर बनाएं| रोटी के साथ शुद्ध देशी घी का इस्तेमाल करें| उड़द /चने की दाल और सरसों का साग या फिर अन्य सागों के साथ स्वाद लें.


आपको भी मोटे अनाज की रोटी पसंद है तो लाइक शेयर अवश्य करें।

 

Commentaires


bottom of page