विनोद यादव | नवंबर 23, 2024
अस्थमा (दमा) एक जलन पैदा करने वाली बीमारी है जो फेफड़ों और सांस लेने के रास्तों को प्रभावित करती है। इस प्रक्रिया में सांस लेने के समय एक सीटी जैसी आवाज़ आती है और छाती का सख्त होना भी दमे के लक्षणों में से एक है। इस स्थिति में सुबह और शाम के समय खांसी की समस्या बढ़ जाती है। इसमें उम्र की कोई बाधा नहीं होती और यह किसी को भी हो सकता है पर आमतौर पर ये बच्चों को ज़्यादा प्रभावित करता है।
अस्थमा (दमा) के कारण
दमा होने का मुख्य कारण मांसपेशियों में सिकुड़न होना है। क्योंकि ये मांसपेशियां हमारी श्वास नली को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती है, अतः इनके सिकुड़न से विपरीत प्रभाव होते हैं। ये मांसपेशियां नसों द्वारा संचालित होती हैं और इनकी वजह से नसों के द्वारा श्वास नली सिकोड़ दी जाती है।

अस्थमा को खत्म करने के घरेलू उपाय
अस्थमा को दमा के नाम से भी जाना जाता है। इसमें रोगी को सांस लेने में तकलीफ होती है। सांस फूलने लगती है। इस प्रदूषण भरे माहौल में क्या महिला, क्या पुरुष, क्या बच्चें सभी को इस रोग ने अपने चपेट में ले लिया है। कुछ लोग दमा का इलाज करने के लिए एलोपैथिक और कुछ होम्योपैथिक दवा लेते हैं। यहां जानिए किचन में मौजूद कुछ मसालों से ही अस्थमा के खतरे को कम किया जा सकता है।
अस्थमा को दमा के नाम से भी जाना जाता है। इसमें रोगी को सांस लेने में तकलीफ होती है। सांस फूलने लगती है। इस प्रदूषण भरे माहौल में क्या महिला, क्या पुरुष, क्या बच्चें सभी को इस रोग ने अपने चपेट में ले लिया है। कुछ लोग दमा का इलाज करने के लिए एलोपैथिक और कुछ होम्योपैथिक दवा लेते हैं।
यहां जानिए किचन में मौजूद कुछ मसालों से ही अस्थमा के खतरे को कम किया जा सकता है।
मेथी को पानी में उबाल कर इसमें शहद और अदरक का रस मिलाकर रोजाना पीएं। इससे अस्थमा की समस्या से राहत मिलेगी।
2 चम्मच आंवला पाउडर में 1 चम्मच शहद मिलाकर सुबह खाली पेट खाएं। रोजाना इसका सेवन करने से अस्थमा को कंट्रोल किया जा सकता है।
पालक और गाजर के रस को मिलाकर रोजाना पीने से भी अस्थमा की समस्या दूर होती है।
बड़ी इलायची , खजूर और अंगूर को सामान मात्रा में पीसकर शहद से साथ खाएं। इसका सेवन अस्थमा के साथ पुरानी खांसी को भी दूर करता है।
सोंठ, सेंधा नमक, जीरा, भुनी हुई हींग और तुलसी के पत्ते को पीसकर पानी में उबाल लें। इसे पीने से अस्थमा की समस्या दूर होगी।
तेजपत्ता और पीपल के पत्ते की 2 ग्राम मात्रा को पीसकर मुरब्बे की चाशनी से खाएं। रोजाना इसे खाने से अस्थमा कुछ समय में ही गायब हो जाएगा।
सूखी अंजीर के 4 दाने रात को पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इसे पीसकर खाने से अस्थमा के साथ कब्ज भी दूर हो जाएगी।
खांसी विशेष रूप से रात के समय सांस लेते वक्त होना घरघराहट,
सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज निकलना,
सांस की तकलीफ और छाती में जकड़न महसूस होना,
थकावट-थकान का एहसास होना,
संक्रामक जुखाम और फेफड़ों की सूजन होना,
किसी भी प्रकार के रासायनिक धुआं, गंध के प्रति संवेदनशीलता,
जोर से हंसने पर चिल्लाने पर सांस लेने की रफ्तार बढ़ना
इन सभी उपरोक्त लक्षणों में अस्थमा आयुर्वेदिक किट एक बहुत ही कारगर आयुर्वेदिक औषधि है जिसके लगातार सेवन से आशाप्रद का लाभ मिलता है।आप इसको इस्तेमाल कीजियेगा रिजल्ट अदभुत मिलेंगे।
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