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अस्थमा का देसी इलाज: प्राकृतिक तरीकों से राहत पाएं

लेखक की तस्वीर: संपादकीय संपादकीय

विनोद यादव | फरवरी 6, 2025



हेल्थ | अस्थमा एक गंभीर सांस संबंधी बीमारी है जो फेफड़ों में सूजन और बलगम के कारण सांस लेने में कठिनाई पैदा करती है। यह बीमारी आमतौर पर एलर्जी, धूल-मिट्टी, धूम्रपान, ठंडी हवा या आनुवंशिक कारणों से होती है। हालांकि, अस्थमा को पूरी तरह से ठीक करना कठिन हो सकता है, लेकिन कुछ देसी और प्राकृतिक उपायों से इसके लक्षणों में काफी हद तक राहत पाई जा सकती है। इस ब्लॉग में हम आपको अस्थमा के कुछ कारगर घरेलू उपचार और देसी नुस्खों के बारे में बताएंगे।

 
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अस्थमा में उपयोगी अदरक और शहद का मिश्रण

अदरक एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट है, जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

कैसे करें उपयोग?

  • अदरक का रस और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें।

  • अदरक को पानी में उबालकर इस पानी को सुबह-शाम पीना भी फायदेमंद होता है।


हल्दी वाला दूध

हल्दी में एंटीबायोटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो अस्थमा के कारण होने वाली सूजन को कम करते हैं।

कैसे करें उपयोग?

  • एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर रोजाना रात को सोने से पहले पिएं।

  • हल्दी और शहद का मिश्रण भी अस्थमा में फायदेमंद होता है।


लहसुन का सेवन

लहसुन बलगम को साफ करने और श्वसन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है।

कैसे करें उपयोग?

  • सुबह खाली पेट 2-3 कच्ची लहसुन की कलियां चबाएं।

  • 5-6 लहसुन की कलियों को दूध में उबालकर रात को पिएं।


तुलसी और काली मिर्च की चाय

तुलसी और काली मिर्च में औषधीय गुण होते हैं, जो अस्थमा के अटैक को रोकने में सहायक होते हैं।

कैसे करें उपयोग?

  • 4-5 तुलसी की पत्तियां और 2-3 काली मिर्च को पानी में उबालकर शहद के साथ पिएं।

  • यह चाय सुबह-शाम पीने से सांस संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है।


भाप लेना (स्टीम थेरेपी)

भाप लेने से सांस नली में जमा बलगम निकल जाता है और सांस लेना आसान हो जाता है।

कैसे करें उपयोग?

  • गर्म पानी में नीलगिरी (यूकेलिप्टस) के तेल की कुछ बूंदें डालें और भाप लें।

  • रोजाना सोने से पहले भाप लेने से अस्थमा के लक्षण कम होते हैं।


श्वसन योग और प्राणायाम

योग और प्राणायाम अस्थमा से राहत पाने के लिए बहुत प्रभावी होते हैं।

कुछ असरदार योगासन:

  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम: यह फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है और सांस लेने में सुधार करता है।

  • भस्त्रिका प्राणायाम: इससे ऑक्सीजन का संचार बेहतर होता है।

  • कपालभाति: यह फेफड़ों को मजबूत बनाता है और बलगम को साफ करता है।


गुड़ और मेथी का मिश्रण

गुड़ शरीर को गर्म रखता है और अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।

कैसे करें उपयोग?

  • मेथी के बीजों को रातभर पानी में भिगोकर सुबह उसमें गुड़ मिलाकर खाएं।

  • यह उपाय खासकर सर्दियों में बहुत फायदेमंद होता है।


सरसों का तेल और कपूर से मालिश

सरसों का तेल सांस की नलियों को खोलने में मदद करता है और अस्थमा के लक्षणों से राहत दिलाता है।

कैसे करें उपयोग?

  • गर्म सरसों के तेल में कपूर मिलाकर छाती और पीठ पर मालिश करें।

  • यह उपाय अस्थमा के दौरे के समय राहत देने में मदद करता है।


अंतिम विचार

अस्थमा एक गंभीर बीमारी हो सकती है, लेकिन सही देखभाल और देसी इलाज से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। इन घरेलू उपायों के साथ-साथ एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी जरूरी है। अगर अस्थमा के लक्षण ज्यादा बढ़ते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।


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